- कल पांच बजे बाद ही ख़त्म हो पाएगा सीएम पर सस्पेंस
- आ रहे केन्द्रीय ऑब्ज़र्वर राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी
- 5 बजे प्रदेश भाजपा मुख्यालय में होगी विधायक दल बैठक
- अमित शाह से मिले धामी, कौशिक, निशंक और टीएसआर
- चारों नेताओं से पहले सतपाल महाराज अकेले मिले शाह से
- सोमवार को पहले सुबह 11 बजे होगी विधायकों की शपथ
दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल का जवाब सोमवार को शाम पांच बजे होने वाली विधायक दल बैठक में ही मिल पाएगा। रविवार को दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ उनके आवास पर प्रदेश भाजपा नेताओं की अहम बैठक हुई जिसमें कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौजूद रहे। बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और चुनाव प्रभारी केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद रहे। चारोें नेताओं की मुलाकात से पहले सतपाल महाराज अकेले केन्द्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने पहुँचे।
बैठक के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने फोन पर आपके THE NEWS ADDA को बताया कि सोमवार को सुबह 11 बजे पहले विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। कौशिक ने कहा कि शाम पांच बजे प्रदेश भाजपा मुख्यालय में विधायक दल की बैठक होगी जिसमें केन्द्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में नेता सदन यानी नए मुख्यमंत्री का चयन होगा। कौशिक ने कहा कि कल शाम छह बजे राज्य को अगला मुख्यमंत्री मिल जाएगा। हालांकि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?, के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक बाकी नेताओं पर मौन ही रहे।
सूत्रों की मानें तो केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड भाजपा के चार नेताओं को बुलाया था लेकिन सतपाल महाराज ने केन्द्रीय गृह मंत्री से समय लेकर अलग से मुलाकात की। चारों नेताओं धामी, निशंक, कौशिक और त्रिवेंद्र की बैठक से पहले महाराज ने शाह से मिलकर अपना पक्ष रखा। दरअसल सतपाल महाराज हरीश रावत को सीएम बनाने के विरोध में कांग्रेस छोड़कर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने तब सिटिंग सांसद सतपाल महाराज को लोकसभा टिकट न देकर जनरल बीसी खंडूरी को ही पौड़ी से लड़ाया था।
महाराज ने 2017 में विधानसभा का चुनाव लड़ा तो उनको सीएम पद का दावेदार माना जा रहा था लेकिन पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत, फिर तीरथ सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया लेकिन महाराज चूक गए। अब फिर सतपाल महाराज सीएम कुर्सी पर दावा कर रहे लेकिन भाजपा के भीतर एक बड़ा तबका उनका विरोध कर रहा है। न खांटी भाजपाई महाराज के पक्ष में दिख रहे और न ही कांग्रेसी गोत्र के नेताओं की पसंद महाराज समझे जा रहे हैं। जाहिर है महाराज की राह कठिन है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत से सीधी पहुंच के चलते सतपाल को बड़ी उम्मीदें हैं।
शाह से मुलाकात के बाद कौशिक, त्रिवेंद्र और धामी ने निशंक आवास पहुंचकर उनसे चर्चा की। नेताओं ने निशंक की बेटी श्रेयसी निशंक को सेना में मेजर पद पर प्रमोट होने पर शुभकामनाएँ भी दी।