देहरादून: आज यानी 15 जून को उस भारतीय बाबा के धाम का स्थापना दिवस है जिनके भक्त देश ही नहीं बल्कि एप्पल फाउंडर स्टीव जॉब्स से लेकर फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग और हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स सहित दुनियाभर में फैले हैं। जी हाँ आज क़िस्मत जगाने वाले नीम करौली बाबा के कैंची धाम का स्थापना दिवस है लेकिन कोरोना महामारी के चलते लगातार दूसरे साल विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम के गेट श्रद्धालुओं के लिए नहीं खुले हैं। राज्य में कोरोना महामारी और हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनज़र धाम के द्वार कुछ दिन पहले ही बंद कर दिए गए थे। इस दिन कैंची धाम में भव्य मेला लगता है जिसमें हज़ारों की तादाद में देश-दुनिया से श्रद्धालु पहुँचते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ टाउनहॉल मीटिंग में फेसबुक सीईओ और फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने खुलासा किया था कि जब उनका बुरा वक्त चल रहा था तब स्टीव जॉब्स ने उनको नीम करौली बाबा के कैंची धाम जाने की सलाह दी थी जहां उन्हें खुद जीवन बदल देने वाला आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हुआ था। ग़ौरतलब है कि 70 के दशक में स्टीव जॉब्स कैंची धाम पहुँचे थे और जीवन का नया नज़रिया लेकर लौटे।
दरअसल बाबा नीम करौली को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। कहते हैं उनके दर पर मुराद लेकर आए भक्त कभी निराश होकर खाली हाथ नहीं लौटते हैं। धाम में बाबा का समाधि स्थल है जहां देश ही नहीं विदेशी भक्तों में बड़ी तादाद में अमेरिकी लोग पहुँचते हैं। नीम करौली बाबा ने यहाँ हनुमान मंदिर की स्थापना 15 जून 1964 को थी और उसके बाद एप्पल कंपनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स, फेसबुक सीईओ और फाउंडर मार्क जुकरबर्ग से लेकर ग्रैमी अवार्ड नोमिनेटिड सिंगर जय उत्तल और मशहूर एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स जैसी हस्तियाँ जिंदगी की निराशा में नई उम्मीद और प्रेरणा पाने यहाँ आई।
स्टीव जॉब्स आध्यात्मिक गुरु की खोज में भारत आए थे और फिर नीम करौली बाबा की शरण में आए तो संन्यास का इरादा त्याग कर नई प्रेरणा लेकर जीवन की नई शुरूआत की और एप्पल कंपनी बनाई। नीम करौली महाराज जिन्हें नीम करौरी बाबा भी कहते हैं का असली नाम पंडित लक्ष्मीनारायण शर्मा है और कहते है कि जब वे गांव नीम करौरी में तपस्या कर रहे थे तब उन्हें हनुमान के साक्षात दर्शन हुए. तभी से बाबा का नाम नीम करौरी महाराज पड़ गया।