दिल्ली: कोविड की दूसरी लहर के कहर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को बेहद अहम निर्देश दिए हैं. देश की शीर्ष अदालत ने रविवार को केन्द्र को निर्देश दिए कि बढ़ते संक्रमण के चलते केन्द्र-राज्य लॉकडाउन पर विचार करें लेकिन लॉकडाउन लगाने से पहले कमजोर तबके की ज़रूरतों का ध्यान रखा जाए. कोर्ट ने केन्द्र सरकार को हिदायत दी है कि वह अपनी वैक्सीन नीति पर पुनर्विचार करे. केन्द्र ने तीसरे फेज में दवा कंपनियों को छूट दी है कि वे 50 फीसदी कोटा केन्द्र को देने के बाद बाकी वैक्सीन बाज़ार या राज्यों बेच सकती हैं. अदालत ने कहा है कि बाज़ार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के नाम पर 18-44आयुवर्ग में बहुजन, कमजोर और हाशिये पर खड़े तबके के लिए महँगी वैक्सीन ख़रीदना कठिन हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह दवा खुद ख़रीदें और फिर राज्यों को इसका कोटा अलॉट करे.
सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों को निर्देश दिए है कि वे लोकल आईडी का बहाना बनाकर मरीजों के इलाज और दवा से वंचित नहीं रख सकते. कोर्ट ने केन्द्र को इस बारे में नीति बनाने के लिए दो हफ्ते का वक़्त दिया है.
जाहिर है कई राज्य सरकार केन्द्र को सस्ती दवा और बाक़ियों के लिए महँगी क़ीमत का मुद्दा उठा चुकी हैं और राज्यों को समय पर दवा आपूर्ति को लेकर भी कठिनाई खड़ी हो रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश कई राज्यों के लिए राहत लेकर आए हैं.