
- 186 के आसपास सरकारी वेबसाइट्स पर तीन दिन पहले हुए साइबर अटैक ने उत्तराखंड के आईटी सिस्टम को फेल कर दिया और इसके बाद सरकार का डिजिटल कार्य ठप पड़ गया।
Cyber Attack: उत्तराखंड के आईटी सिस्टम पर हुए साइबर अटैक ने प्रदेश के सरकारी ऑनलाइन तकनीक तंत्र की पोल खोल दी है। तीन दिन बाद भी तंत्र यह पता लगाने सफल नहीं हो पाया है कि आख़िर कहाँ से यह साइबर अटैक हुआ और इससे कितना डैमेज हुआ। हालाँकि साइबर अटैक के तीसरे दिन कुछ सरकारी वेबसाइट्स ने कामकाज करना शुरू कर दिया।
सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार स्टेट डाटा सेंटर में आए मालवेयर के कारण अस्थायी रूप से बंद की गई प्रमुख विभागों की वेबसाइटों को रविवार को सुचारू कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार आज अपनी सरकार, ई-,ऑफिस, ई-रवन्ना पोर्टल, चारधाम पंजीकरण जैसी मुख्य साइट को सुचारू कर दिया गया है। इससे पहले शनिवार को सीएम हेल्पलाइन को सुचारू कर दिया गया था।
गौरतलब है कि 2 अक्टूबर को स्टेट डाटा सेंटर में आए मालवेयर के कारण उत्तराखंड शासन की कई महत्वपूर्ण साइट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। शनिवार को राजस्थान से देहरादून लौटने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एनआईसी, आईटीडीए, पुलिस विभाग आदि के साथ महत्वपूर्ण बैठक की थी। मुख्यमंत्री ने सोमवार तक सभी साइट्स के सुचारू संचालन के निर्देश दिए थे।
आईटीडीए की निदेशक निकिता खंडेलवाल ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सभी प्रमुख साइट्स को आज सुचारू कर दिया गया है। उन्होंने अवगत कराया कि 5 अक्टूबर को सीएम हेल्पलाइन व स्टेट पोर्टल जैसी सुविधाएं सुचारू कर दी गयी थी। जबकि आज सभी सेवाएं मुख्यतः अपनी सरकार, ई ऑफिस, ई-रवन्ना पोर्टल, चारधाम रजिस्ट्रेशन सभी को सुचारू कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में कोई भी डाटा लॉस का कोई भी मामला संज्ञान में नहीं आया और सभी डाटा सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि सीएम हेल्पलाइन में पिछले दो दिन में लगभग 2034 कॉल्स में से 1879 को वापस दर्ज कर लिया गया है। जिसमें लोगों को कॉल बैक किया गया और इसमें से 600 से अधिक शिकायतें दर्ज कर दी गई हैं।
अब देखना यही है कि एसटीएफ सहित तमाम जाँच एजेंसियों को कब तक यह सुराख़ हाथ लगता है कि आख़िर यह साइबर अटैक किनकी कारस्तानी थी और इसका मक़सद क्या था। उम्मीद है साइबर एक्सपर्ट्स की टीम इस हमले की तह में जाकर सच्चाई सामने लेकर आयेंगे।