
दिल्ली: केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का लंबा इंतज़ार जल्द ख़त्म होने वाला है और गुड न्यूज किसी भी दिन मिल सकती है। जुलाई में डेढ़ साल से रुका DA यानी महंगाई भत्ता मिलने का रास्ता साफ़ हो रहा है। जून के इसी हफ़्ते या नेक्स्ट वीक में केन्द्रीय कार्मिकों की संस्था नेशनल काउंसिल ऑफ़ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी की भारत सरकार के आलाधिकारियों, जिनमें वित्त मंत्रालय और डीओपीटी के अधिकारी भी शामिल हैं, के साथ बैठक हो सकती है।
ज्ञात हो कि ये बैठक पहले मई में प्रस्तावित थी लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के क़हर के चलते इसे टालना पड़ा था। दरअसल सेंट्रल इम्प्लाइज का डीए यानी Dearness Allowances की तीन क़िस्तें लंबित हैं क्योंकि कोरोना महामारी के कारण केन्द्र सरकार ने कर्मचारियों का महँगाई भत्ता ( DA) फ़्रीज़ कर रखा है। कर्मचारियों और पेंशनर्स का एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 का डीए और डीआर पेंडिंग है।
डीए फ़्रीज़ जब होगा भुगतान तो बंपर सेलरी बढ़ेगी
फ़िलहाल केन्द्रीय कर्मचारियों को 17 फ़ीसदी डीए मिलता है और तीन लंबित क़िस्तों को जोड़ें तो कुल डीए बढ़कर 28 फ़ीसदी हो जाएगा। इसका सीधा फ़ायदा 50 लाख इम्प्लाइज और 61 पेंशनर्स को मिलने जा रहा है। ज्ञात हो कि पिछले साल कोरोना महामारी के चलते वित्त मंत्रालय ने जून 2021 तक डीए पर रोक लगाने पर सहमति दी थी।
क्यों दिया जाता है महंगाई भत्ता और कैसे होता है तय?
बढ़ती महंगाई से राहत देने को कर्मचारियों व पेंशनर्स को महंगाई भत्ता दिया जाता है।ये साल में दो बार जनवरी से जून तक और जुलाई से दिसंबर तक होता है। भारत सरकार औसत महंगाई दर का आकलन कर डीए तय करती है। जुलाई-दिसंबर 2020 के बीच औसत महंगाई दर 3.5 फीसदी रही। जबकि जनवरी-जून 2021 में महंगाई भत्ता कम से कम चार फीसदी रहने का अनुमान है।
ये तय है कि केन्द्र सरकार बढ़ोतरी के साथ डीए देने को तैयार है लेकिन केन्द्रीय कर्मचारियों का सरकार पर दबाव है कि 18 महीने तक डीए फ़्रीज़ रहा उसके एरियर का भुगतान भी किया जाए। सवाल है कि क्या अठारह महीने के एरियर का भुगतान भारत सरकार करेगी या नहीं?