दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अनुच्छेद 370 के ख़ात्मे और राज्य के बँटवारे के बाद ये पहला मौका होगा जब केन्द्र सरकार मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठकर मंथन करेगी। डीडीसी ( District Development Council) चुनाव के बाद ये राजनीतिक पहल का केन्द्र सरकार का बड़ा कदम है। माना जा रहा है कि जब अगले हफ्ते 24 जून को प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों से रूबरू होंगे तो बैठक में चुनाव की तरफ बढ़ने के रोडमैप पर मंथन होगा।
दरअसल सर्वदलीय बैठक में केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में डिलिमिटेशन कसरत को लेकर चर्चा होगी, जो चुनाव की तरफ बढ़ने का पहला बड़ा कदम होगी। द इंडियन एक्सप्रेस को पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने 24 जून की बैठक के निमंत्रण की तसदीक की है। हालॉकि उन्होंने ये नहीं बताया कि पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डेक्लेरेशन यानी गुपकार गठबंधन नेता शामिल होंगे कि नहीं होंगे। नौ दिन पहले नेशनल कॉंफ़्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने संकेत दिए थे कि हमने केन्द्र के साथ बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किए हैं।
ग़ौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेट्स की बहाली को लेकर छह दलोँ ने गुपकार गठबंधन बनाया हुआ है जो 5 अगस्त 2019 से पहले की स्थिति बहाल करने की लड़ाई लड़ रहा है। ज्ञात हो कि केन्द्र ने 5 अगस्त 2019 को जेएंडके का स्पेशल स्टेट्स और आर्टिकल 370 खत्म करते हुए उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। इसी के साथ घाटी के बड़े नेताओं को नज़रबंद कर दिया गया था।