देहरादून: गोल्डन कार्ड को लेकर मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु की अध्यक्षता में समिति गठित करने के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बयान पर सचिवालय संघ ने हैरानी व्यक्त की है। सचिवालय संघ द्वारा इस मसले पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के साथ दो-तीन दौर की बैठकों के बाद आश्वासन मिला था कि आगामी कैबिनेट बैठक में गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। सचिवालय संघ को दिये गये आश्वासन के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित किये जाने संबंधी बयान से सचिवालय संघ अचम्भित है।
सचिवालय सहित सम्पूर्ण प्रदेश के कार्मिकों, शिक्षकों, पेंशनर्स एवं उनके परिवार के आश्रितों के स्वास्थ्य से जुड़ी इस गम्भीर समस्या के निराकरण के लिए सचिवालय संघ लगातार सरकार से गोल्डन योजना की खामियों को दूर कर प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग करता आ रहा है। जनवरी 2021 से नियमित रूप से हर माह कार्मिकों, पेंशनर्स का अंशदान कट रहा है लेकिन चिकित्सा लाभ से बड़ा तबका वंचित ही है।
जहां, एक ओर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत सचिवालय संघ को इस समस्या के समाधान का भरोसा दे चुके हैं तथा स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर प्रस्ताव अनुमोदित कर वित्त विभाग की सहमति प्राप्त करते हुए आगामी मंत्रिमण्डल में रखने का वादा कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर सूबे के मुखिया द्वारा जनपद अल्मोड़ा के एक कायर्क्रम में इसके परीक्षण हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाने का बयान दिया गया है जिसके अब नए तरह का विरोधाभास पैदा हो गया है।
गोल्डन कार्ड की खामियों पर राज्य सरकार के दृष्टिकोण पर सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने चिन्ता जाहिर करते हुए कहा है कि जनवरी 2021 से अनवरत प्रदेश के सभी कार्मिकों, शिक्षकों और पेन्शनर्स से प्रतिमाह अंशदान की कटौती वतर्मान समय तक जारी है।परन्तु कमर्चारियों के स्वयं के अंशदान से संचालित इस योजना को सरकार के आला अधिकारी दुरूस्त न कर लटकाये जाने का प्रयास कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर सचिवालय संघ के साथ हुई बैठकों में गोल्डन कार्ड की खामियों से सम्बन्धित संशोधित प्रस्ताव को अनुमोदित किया जा चुका है तथा वित्त विभाग के स्तर पर अभी प्रस्ताव सहमति हेतु विचाराधीन है। स्वास्थ्य मंत्री ने इस प्रस्ताव को आगामी मंत्रिमण्डल के समक्ष रखे जाने का वादा भी सभी अधिकारियों की उपस्थिति में सचिवालय संघ से किया था। परन्तु एकाएक इस पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाये जाने का सीएम का बयान कर्मचारियों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।