- Mahant Narendra Giri Suicide or Murder?
- शिष्य आनंद गिरि पर शक
- शिष्य आनंद गिरि का आया पक्ष सामने खुद के खिलाफ बताई साज़िश
- कहा-मेरे गुरु की हुई हत्या मुझे फँसाने की साज़िश
- अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी की मौत मामला
- श्यामपुर पुलिस पहुंची कांगड़ी स्थित आनंद के आश्रम
- आरोपी संत आनंद गिरी से कर रही पूछ्ताछ
- प्रयागराज पुलिस ने किया था हरिद्वार पुलिस से संपर्क
- आनंद के गिरफ्तार होने की खबर अफवाह
- योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा षड्यंत्र की हो जांच, संत समाज की अपूरणीय क्षति
हरिद्वार: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत पर देश के प्रधानमंत्री मोदी, उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी संहिता देशभर के संत समाज ने गहरा दुख जताया है। शिष्य पर सताने संबंधी पांच पेज के नोट के बाद अब शक की सूई घूम रही है कि ये सुसाइड था या हत्या को अंजाम दिया गया है।
इसी बीच संतों के के सबसे बड़े अखाड़े श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि के संदिग्ध मौत को सुसाइड नहीं बल्कि हत्या करार दिया है। आचार्य महामंडलेश्वर ने दावा किया है कि नरेंद्र गिरी आत्महत्या जैसा कमजोर और निकृष्ट कदम नहीं उठा सकते थे। वह उच्च कोटि के संत थे और हर तरह की विपरीत परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता रखते थे।
जबकि श्री पंचायती अखाड़ा, श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने भी महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत पर किसी बड़ी साजिश की आशंका जताई है दोनों संतों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने केन्द्र और योगी सरकार से मांग की है कि SIT गठित कर ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज के पोस्टमार्टम से पहले उनके निधन की विस्तृत जांच की जाए।
संतों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार इस पर तत्काल कदम उठाकर सख्ती के साथ जांच नहीं करती है तो समूचा संत समाज चुप नहीं बैठेगा।
REPORT: ASHISH MISHRA, SENIOR JOURNALIST , HARIDWAR