देहरादून/रामनगर: ऐसा लगता है कि रामनगर सीट को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत और एक जमाने में उनके ‘सियासी हनुमान’ रहे रणजीत रावत में बाइस बैटल से पहले ही तीखी जंग छिड़ गई है। रणजीत रावत मोदी सूनामी में रामनगर से विधानसभा चुनाव हार गए थे लेकिन वे अब दोबारा 2022 का चुनाव रामनगर से ही लड़ने की तैयारी में हैं। उधर पूर्व सीएम हरीश रावत भी विधानसभा चुनाव रामनगर से ही लड़ना चाहते हैं। इसी को लेकर अब हरदा वर्सेस रणजीत जंग दिखाई दे रही है।
रामनगर सीट अभी पेंडिंग है लेकिन दो पोस्टर रामनगर के स्थानीय मीडिया में तेजी से आज शाम से वायरल हो रहे। एक पोस्टर में हरीश रावत को रामनगर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बताते हुए वोटर्स से वोट अपील की गई है। जबकि दूसरे पोस्टर में ‘हरीश रावत सबकी चाहत’ नारे के बहाने हरदा और उनके आसपास मँडराने वाले लोगों पर कटाक्ष किए गए हैं।
खबर यह भी आ रही है कि पिछले एक दो दिनों में हरदा रामनगर में लोगों से फोन पर बातचीत कर समर्थन मांग रहे हैं और कुछ लोगों ने ‘इस बार सिर्फ रणजीत रावत’ का नारा बुलंद कर हरदा को नया सिरदर्द दे दिया है। ऐसे एक दो ऑडियो भी सोशल मीडिया में तैर रहे हैं जिनमें हरदा कुछ लोगों से बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ से रणजीत रावत के समर्थन की बात कही जा रही है।
सवाल है कि ये रामनगर के रण में कांग्रेस आपसी जंग में उलझकर कैसे भाजपा से टकराएगी? चुनाव से पहले ही दो दिग्गज नेताओं का आपस में उलझना क्या संकेत दे रहा है? अगर हरदा रामनगर से चुनाव लड़ेंगे तो क्या रणजीत रावत नाराजगी छोड़कर समर्थन करेंगे या निर्दलीय ताल ठोकेंगे? जाहिर है जिस तरह से दोनों तरफ के समर्थकों में पोस्टर वार पलटवार शुरू हो गया है, इसे कांग्रेस के लिए शुभ संकेत तो कतई नहीं कहा जा सकता है। वैसे कांग्रेस के भीतर रामनगर में छिड़ते कलह कुरुक्षेत्र का फायदा भाजपा को मिलना तय है।