दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस भेजकर 8 जून को हाज़िर होने को कहा है। ED की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर बुधवार को की गई इस बड़ी कार्रवाई के बाद सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस ने हमलावर होकर इसे मोदी सरकार की तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई करार दिया है।
दरअसल , नेशनल हेराल्ड केस में ED ने सोनिया और राहुल गांधी को नोटिस भेज कर 8 जून को सवाल जवाब के लिए तलब किया है। भाजपा ने जहाँ इसे करप्शन पर एक्शन करार देते हुए शीर्ष कांग्रेस नेताओं पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक विद्वेष का उदाहरण करार दिया है। पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है। कांग्रेस को डराने के लिए यह सब किया जा रहा है। उन्होंने कहा लेकिन हम न डरेंगे और न ही झुकेंगे बल्कि डटकर इसका मुकाबला करेंगे। जबकि रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि तानाशाह सरकार डर गई है और राजनीतिक बदले की भावना में अंधी हो गई है।
कांग्रेस नेता सिंघवी और रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि ED ने सोनिया गांधी को आठ जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। कांग्रेस ने कहा कि सोनिया गांधी जांच में शामिल होंगी और अगर राहुल गांधी दिल्ली में रहेंगे तो वे भी पूछताछ में शामिल होंगे।
ज्ञात हो कि 2014 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराते हुए 55 करोड़ रोए की धांधली का आरोप लगाया था।
नेशनल हेराल्ड केस समझिए
दरअसल 1938 में कांग्रेस ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड यानी AJL बनाई थी जिसके तहत नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र निकलता था। कहा गया था कि यंग इंडिया AJL की देनदारियां चुकाएगी लेकिन शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिल गया। AJL की देनदारियां चुकाने के लिए कांग्रेस ने जो 90 करोड़ का लोन लिया वह बाद में माफ कर दिया गया।