Rumours of 9 Congress MLAs switching sides: राज्य दर राज्य कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी के साथ गठबंधन वाली कांग्रेस की महाविकास अगाड़ी सरकार शिवसेना से एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद अतीत हो चुकी है। अब सियासी गलियारे में अटकलें तेज हो गई हैं कि महाराष्ट्र से लगते गोवा में कांग्रेस के नौ विधायक पालाबदल की पटकथा लिखकर बैठे हैं।
हालांकि कांग्रेस ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है लेकिन पिछले सालों में जिस तरह का पालाबदल कांग्रेस में देखने को मिला है उसके बाद सूत्रों के हवाले से गोवा के राजनीतिक गलियारे से उड़ कर आ रही अटकलों को पूरी तरह से नकारना जल्दबाजी हो सकता है।
दरअसल, खबर यह आ रही है कि कांग्रेस के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत की अगुआई में बगावत का झंडा बुलंद करने का मन बना चुके हैं। ज्ञात हो कि गोवा में कांग्रेस के कुल 11 विधायक हैं और 9 विधायक नाराज बताए जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि शनिवार को ये तमाम असंतुष्ट विधायक एक होटल में इकट्ठा होकर आगे की रणनीति बना चुके हैं। लेकिन कांग्रेस का दावा है कि विधायक सोमवार से शुरू हो रहे सत्र को लेकर इकट्ठा हुए थे। कांग्रेस का आरोप है कि सत्ताधारी भाजपा हमारे विधायकों को डरा धमका रही है। एआईसीसी के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव असंतुष्ट विधायकों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
गोवा में कांग्रेस कुनबे में टूट का इतिहास
2019 में भी कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक पालाबदल कर भाजपा में शामिल हो गए थे। दरअसल गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा बहुमत से एक विधायक दूर है। उसके 20 विधायक हैं और कांग्रेस के 11 विधायक हैं। जबकि महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के 2 और 3 निर्दलीय विधायक हैं।
हालांकि अभी भाजपा ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन से मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अगुआई में सरकार बना रखी है लेकिन अपने बूते पूर्ण बहुमत हासिल करने को वह एक कदम पीछे हैं और इसी लिहाज से कांग्रेस में 2019 जैसी टूट की पटकथा तैयार की जा रही है।
ज्ञात हो कि लगातार टूट के मंडराते खतरे के बीच गोवा विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सभी कांग्रेस प्रत्याशियों ने राहुल गांधी के सामने हस्ताक्षर करके एफिडेविट दिया था कि वे चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल नहीं होंगे।
यहां तक कि पणजी के महालक्ष्मी मंदिर में भी प्रत्याशियों ने शपथ ली थी। साथ ही होली क्रॉस श्राइन और मस्जिद में भी उम्मीदवारों को शपथ दिलाई गई थी। लेकिन अब एक बार फिर कांग्रेस गोवा में ऑपरेशन लोटस से अपने विधायकों को बचाने की कठिन चुनौती आन खड़ी हुई है।