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धामी का दांव अब गुजरात में भी बीजेपी को दिलाएगा जीत: यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए उत्तराखंड की तर्ज पर कमेटी

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After Uttarakhand now Uniform Civil Code in Gujarat: इस साल के शुरू में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने का ऐलान किया था और सत्ता में भाजपा की वापसी हो गई। अब धामी के इसी दांव को इस साल के जाते जाते गुजरात में हो रहे चुनाव में जीत का मंत्र मानकर अजमाए जाने की पटकथा तैयार कर दी गई है।

चुनावी राज्य गुजरात में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी के गठन के प्रस्ताव पर राज्य कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। गुजरात में UCC के तमाम पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए उत्तराखंड की तर्ज पर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अगुवाई में एक कमेटी बनाई जाएगी। खुद केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इसकी जानकारी साझा की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में गठित होने वाली इस कमेटी में उत्तराखंड की तर्ज पर ही तीन-चार सदस्य होंगे।

जाहिर है मोदी शाह के गृह राज्य गुजरात में विधानसभा चुनाव फतह करने के लिए बीजेपी ने धामी वाला UCC दांव बहुत सोच समझ कर खेला है। इसका मतलब साफ है कि जिस तरह से उत्तराखंड में वोटिंग से ठीक पहले सीएम धामी ने सत्ता में वापसी के बाद सबसे पहले कैबिनेट में यूसीसी गठन को लेकर फैसले पर मुहर लगाने का ऐलान किया था, उसका कहीं न कहीं पार्टी को बड़ा चुनावी फायदा मिला और अब इसी पटकथा को गुजरात में दोहराने की तैयारी है।

उत्तराखंड में धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अगुवाई में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर एक्सपर्ट कमेटी गठित की गई है। उसी की तर्ज पर गुजरात में भी राज्य सरकार ने फैसला किया है कि UCC के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी।

क्या होती है UCC यानी समान नागरिक संहिता?

यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) यानी समान नागरिक संहिता का अर्थ है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान नियम कायदे। इसका मतलब है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान नियम कानून होंगे। फिर वह चाहे किसी भी धर्म,जाति या संप्रदाय का क्यों ना हो। इसके लागू होने पर शादी, तलाक, जमीन जायदाद के बंटवारे सभी में एक समान ही कानून लागू होगा, जिसका पालन सभी धर्मों के लोगों को करना अनिवार्य होगा।

बीजेपी के एजेंडे में रहा है समान नागरिक संहिता (UCC)

बीजेपी अरसे से समान नागरिक संहिता की पैरवी करती रही है और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट यानी चुनावी घोषणा पत्र में UCC को शामिल किया गया था। हालांकि जहां बीजेपी UCC की वकालत करती रही है वहीं कई मंचों से इसे पार्टी का अल्पसंख्यक विरोधी एजेंडा भी करार दिया जाता रहा है।

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