गपशप @ADDA: अभी मुख्यमंत्री पर सस्पेंस खत्म हुआ नहीं, चर्चा तेज कि नई कैबिनेट में कौन ड्रॉप होगा किसे मिलेगी एंट्री? ये विधायक पा सकते हैं अबके ‘कुर्सी’!

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देहरादून: 10 मार्च को उत्तराखंड विधासनभा चुनाव नतीजे आए थे और अब एक हफ़्ता गुज़रने को है लेकिन भाजपा नेतृत्व ‘अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?’ सवाल का जवाब नहीं खोज पाया है। या कहिए कि होलाष्टक के चलते 17 मार्च तक का वक्त मिल गया लिहाजा मोदी-शाह फैसले से पहले 2024 और 2027 को लेकर समीकरण भी बिठाकर देख लेना चाह रहे हैं। हालांकि मंगलवार शाम कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने संसद भवन में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इससे पहले पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात हुई। बताया जा रहा है कि इन बैठकों में चुनाव को लेकर चर्चा हुई। जाहिर है नए मुख्यमंत्री को लेकर बरक़रार सस्पेंस 19 मार्च को पर्यवेक्षकों के आने के बाद ही खत्म होगा।

भले मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बरक़रार हो लेकिन भाजपा कॉरिडोर्स में देहरादून से लेकर दिल्ली तक नई कैबिनेट में किसे जगह मिलेगी और कौन ड्रॉप होगा! इसे लेकर अटकलों और क़यासबाजी का दौर तेज हो गया है। माना जा रहा है कि अगर यंग चीफ मिनिस्टर बनता है जिसके चांस ज्यादा हैं तो पिछली कैबिनेट के कई दिग्गज मंत्री ड्रॉप किए जाएंगे। धामी के करीबी मंत्री स्वामी चुनाव हार ही चुके हैं, हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य भाजपा से कांग्रेस में घर वापसी कर चुके हैं। यानी तीन पुराने मंत्रियों के स्लॉट तो पहले ही खाली हैं। लेकिन भाजपा कॉरिडोर्स में चर्चा है कि इस बार कांग्रेसी गोत्र वाले नेताओं से मंत्रीपद का कोई ताजा कमिटमेंट नहीं है जिसके चलते पार्टी नेतृत्व पर दबाव नहीं रहने वाला है।

पिछली सरकार में पूरे पांच साल भाजपा के भीतर यह दर्द छलकता रहा कि पार्टी सरकार में बहुमत कांग्रेसी गोत्र के नेताओं का है लिहाजा इस बार इसे करेक्ट किया जा सकता है। वैसे भी अब पार्टी गोत्र अंतर को पाट चुकी है जिससे चलते पुराने मंत्री ड्रॉप होकर कुछ नये चेहरे आएंगे ही आएंगे।

अगर ऐसा होता है तो ऋतु खंडूरी, सौरभ बहुगुणा और उमेश काऊ से लेकर खजानदास या चंदनराम दास जैसे चेहरे नई सरकार में दिख सकते हैं। अब जब चार से पांच नए चेहरे नई कैबिनेट का हिस्सा बन सकते हैं तो स्वाभाविक है कि तीन चार पुराने मंत्रियों को क्षेत्रीय और सामाजिक समीकरण के आधार पर ड्रॉप किया जाएगा। नई सरकार में बिशन सिंह चुफाल, बंशीधर भगत, मदन कौशिक, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, रेखा आर्य और प्रेमचंद अग्रवाल को क्या भूमिका दी जाती है यह देखना होगा।

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