चम्पावत : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुमाऊं में लगातार दो दिन की मूसलाधार बारिश के चलते आई आपदा के बाद प्रभावितोें के आँसू पोंछने को लगातार ग्राऊंड जीरो पर उतर रहे। लेकिन अब बीजेपी के विधायक ही धामी सरकार की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। सीएम धामी के चम्पावत दौरे पर कुछ ऐसा सीन क्रिएट किया कि बीजेपी से जवाब देते नहीं बन रहा है। धामी के दौरे के दौरान लोहाघाट से बीजेपी विधायक पूरन फर्त्याल ने जमकर आग उगली। बीजेपी विधायक ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री और जिलाधिकारी पर जमकर भड़ास निकाली। विधायक फर्त्याल ने पहले आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत को जमकर खरी-खोटी सुनाई और जिलाधिकारी पर धामी सरकार तक गलत आंकड़े भेजकर गुमराह करने का आरोप भी लगाया।
शनिवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी चम्पावत तेलवाड़ा गांव पहुँचे जहां उन्होंने आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों का हालचाल जाना और उन्हें सांत्वना दी। इसके बाद सीएम ने सर्किट हाउस में आपदा प्रबंधन को लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपना गुस्सा आपदा मंत्री धन सिंह रावत पर उतार दिया। बीजेपी विधायक ने आपदा राहत कार्यों में देरी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री उन्हीं आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, जहां हेलिकॉप्टर उतर सके। बीजेपी विधायक ने कहा कि उनकी विधानसभा में इस आपदा से सात लोगों की जान गई है लेकिन उस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
विधायक पूरन यहीं नहीं रुके और जिलाधिकारी को भी आड़े हाथों लेते सीएम की मौजूदगी में डीएम पर शासन को फर्जी आंकड़े भेजने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डीएम और प्रशासनिक अमला बिना उन क्षेत्रों में जाए सीएम के सामने फर्जी आंकड़े पेश कर रहा है। सुल्ला क्षेत्र में चार लोग आपदा में हताहत हुए लेकिन प्रशासन का एक भी बड़ा अधिकारी वहां नहीं पहुचा।
विधायक ने कहा कि उनकी विधानसभा में आपदा से भारी नुकसान हुआ है लेकिन मंत्री तो छोड़िए जिले के आला अधिकारियों ने भी प्रभावितोें तक जाना उचित नहीं समझा। बीजेपी विधायक पूरन ने कहा कि वे दिल्ली जाकर बवाल करेंगे और राजनीति से संन्यास ले लेंगे। विधायक लगातार खरी-खोटी सुनाते कहे और आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत चुपचाप पार्टी विधायक की फटकार सुनते रहे। इसके बाद विधायक बैठक छोड़कर बाहर निकल आए।
ज्ञात हो कि आपदा राहत में लापरवाही का आरोप अब खुद सत्ताधारी दल के विधायक लगा रहे। जबकि कांग्रेस पहले से आपदा प्रबंधन में जिले में सरकार और प्रशासन पर फेल्योर का आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने आपदा प्रबंधन अधिकारी को हटाने की मांग पर मोर्चा भी खोल रखा है। दरअसल आपदा के चलते जिले में 11 लोगो की मौत हो चुकी है लेकिन आरोप है कि प्रभावित स्थानों पर प्रशासन के आला अधिकारियों ने जाने की जहमत तक नहीं उठाई। यहाँ तक कि जब सीएम के आने का दौरा बना तो दो दिन बाद डीएम तेलवाड़ा गांव पहुंचे। आलम उस स्थान को लेकर यह है जो जगह डीएम दफ्तर से महज दो किलोमीटर की दूरी पर है।
दरअसल यह पहला मौका नहीं है जब बीजेपी विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपनी ही पार्टी सरकार को कटघरे में खड़ा किया हो। इससे पहले भी लोहाघाट विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे हैं। फिर चाहे टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए दागी कंपनी को निर्माण कार्य की छूट देने पर भ्रष्टाचार का आरोप रहा हो। या फिर अधिकारियों को निशाने पर लेना रहा हो, फर्त्याल ने विधानसभा सदन से लेकर सड़क तक बीजेपी सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। शनिवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी के चम्पावत दौरे पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत को निशाने पर लेकर पूरन फर्त्याल ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की न केवल मेहनत पर पानी फेरने का काम किया है बल्कि आपदा में फेल्योर के विपक्षी कांग्रेस के आरोपों पर भी मुहर लगाने का काम कर दिया है।
लोहाघाट में कांग्रेस के पास मजबूत दावेदार है लिहाजा फर्त्याल की आम आदमी पार्टी के साथ भी सियासी खिचड़ी पक रही है। सूत्रों ने खुलासा किया है कि बीजेपी से टिकट कटता देख फर्त्याल AAP नेताओं से देहरादून से लेकर दिल्ली तक कई दौर की मुलाकात कर चुके हैं। सूत्रों ने खुलासा किया है कि उत्तराखंड के आप प्रभारी दिनेश मोहनिया से भी बीजेपी विधायक पूरन फर्त्याल संपर्क बनाए हुए हैं। कांग्रेस में दाल नहीं गलने पर आप में जाने का रास्ता खुला है।
सूत्र यह भी बताते हैं लगभग 10 महीने पहले त्रिवेन्द्र सरकार में नाराज फर्त्याल दिल्ली में आप के मंत्री और केजरीवाल से मुलाकात कर चुके हैं ।
लेकिन तीर्थ के CM बनने पर मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
मौजूदा समय एक बार फिर बीते दिन आपदा मंत्री धन सिंह के सामने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मुखर हुए फर्त्याल के विरोध ने इन कयासों बल दे दिया है।
अब राजनीतिक गलियारे में चर्चा ज़ोरों पर है कि आखिर बीजेपी विधायक होकर पूरन फर्त्याल चुनावी सीजन में विपक्षी पार्टी कांग्रेस का काम आसान क्यों कर हो! आखिर जो आरोप कांग्रेस लगा रही पब्लिकली आपदा प्रबंधन मंत्री को गरिया कर वो काम डंके की चोट पर कर बीजेपी विधायक क्या मैसेज देना चाह रहे? कुमाऊं से लेकर देहरादून तक राजनीतिक गलियारे में अब चर्चा इसी बात को लेकर है कि कहीं विधायक पूरन फर्त्याल वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल के दावे वाले बीजेपी के बगावत को तैयार छह विधायकों में तो शामिल नहीं ? आखिर बीजेपी कॉरिडोर्स में पहले से यह चर्चा है कि पूरन फर्त्याल ने जिस तरह से मौके बेमौके बीजेपी सरकार को बार बार निशाने पर लिया है उसके चलते चुनाव में उनका टिकट भी काटा जा सकता है। ऐसे में क्या फर्त्याल ने भी हालात भांपकर कांग्रेस की सियासी बिसात पर बीजेपी में रहकर ही बैटिंग शुरू कर दी है? जाहिर है चम्पावत से लौटे सीएम पुष्कर सिंह धामी इसे अच्छे से समझ पा रहे होंगे!