दिल्ली: 2022 की बैटल में पांच राज्यों में जीत का पॉवर पंच लगाने को बीजेपी में ब्रेन स्टोर्मिंग सेशन शुरू हो चुके हैं। खास तौर पर बंगाल बैटल में हार के बाद बीजेपी कोविड से हुए डैमेज को कंट्रोल करने के साथ साथ चुनावी मशीनरी में नए सिरे से जान फूँकने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह में इसे लेकर दो दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं. यहां तक कहा जा रहा है कि मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में भी इन चुनावी राज्यों का खास ख्याल रखा जा सकता है और यहाँ के सामाजिक समीकरण साधने को नए चेहरों को केन्द्र सरकार में जगह दी जा सकती है। यूपी से अपना दल को केन्द्र में एडजेस्ट किया जा सकता है और इसी तरह के कॉम्बिनेशन्स अन्य चुनावी राज्यों को लेकर भी देखे जा रहे हैं।
दरअसल 2022 के फरवरी-मार्च में पंजाब, यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव हैं। इसके बाद साल के अंत तक हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव होंगे लेकिन बीजेपी नेतृत्व का पहला फोकस फिलहाल अगले साल के शुरू में हो रहे पांच राज्यों में जीत का पॉवर पंच लगाने पर है। किसान आंदोलन और शिरोमणि अकाली दल के छिटक जाने के बाद बीजेपी कांग्रेस शासित पंजाब को अपने लिए कठिन चुनौती मान रही है।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा चुनावी व्यूहरचना की पहले चरण में चुनावी राज्यों में पार्टी की प्रदेश इकाइयों को चिंतन शिविर/बैठकें करने के निर्देश दे चुके हैं। इसके बाद अगले महीने के पहले पखवाड़े तक इन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को चुनावी रणनीति और अपना जमीनी फीडबैक भी देने को कहा गया है।
साथ ही कोरोना के चलते रुके सांगठनिक कार्यों को फिर से गति देने को भी कह दिया गया है। वर्चुअल बैठकें. ट्रेनिंग सेशन्स से लेकर तमाम प्रदेश अध्यक्षों और महासचिवों को अपने-अपने राज्यों के टूर कार्यक्रम अगले माह के आखिर तक पूरा कर लेने को भी कह दिया गया है। इसी के साथ बूथ स्तर तक की चुनावी मशीनरी को एक्टिव मोड में करने की रूपरेखा बन चुकी है। साथ ही कोरोना को हराने में मोदी सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों को जमीन पर लोगों तक पहुँचाने की तैयारी भी चल रही है।