देहरादून: 10 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा के नतीजे आए और 23 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी कैबिनेट के आठ मंत्रियों ने शपथ ली। अब मंत्री चार दिन से विभाग बंटवारे का इंतजार कर रहे हैं और कुछ मंत्रियों ने THE NEWS ADDA से अनौपचारिक बातचीत में कहा है कि शायद आज यानी रविवार देर रात्रि तक मुख्यमंत्री धामी अपनी टीम को टास्क थमा देंगे यानी किस मंत्री को कौनसा मंत्रालय मिलेगा इसका ऐलान कर देंगे। लेकिन दूसरा पक्ष यह भी है कि जब 29 मार्च से शुरू हो रहे पाँचवीं विधानसभा के पहले सत्र के लिए विधायी और संसदीय कार्य मंत्री का ज़िम्मा प्रेम चंद अग्रवाल को सौंप दिया गया है, तब विभाग बँटवारे में और देरी हो सकती है। वैसे भी मुख्यमंत्री 28 को गोवा सरकार के शपथग्रहण कार्यक्रम में शिरकत करने जाएंगे और फिर तीन दिन सत्र में राज्यपाल अभिभाषण से लेकर लेखानुदान पारित कराने जैसे विधायी कार्यों की व्यस्तता। ऐसे में देरी हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा।
कैबिनेट के बाहर कौन-कौन होंगे धामी राज में ताकतवर चार चेहरे?
अब यह तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अपना विशेषाधिकार है कि वे अपने मंत्रियों के कौनसा विभाग दें और कितने दिन बाद कामकाज दें। लेकिन कैबिनेट के बाहर विधायकों, अफसरों या पॉवर कॉरिडोर के वो कौन-कौनसे चेहरे हो सकते हैं जिनका धामी राज में दबदबा सब पर भारी पड़ेगा?
भाजपा विधायक सुरेश गढ़िया
कहने को सुरेश गड़िया कपकोट का चुनावी किला जीतकर पहली बार विधानसभा पहुँचे हैं लेकिन सत्ता के गलियारे में सुरेश गढ़िया कितने बड़े सूरमा हैं इसका अहसास वे धामी राज पार्ट 1 में ही करा चुके हैं। अब खटीमा की चुनावी हार के बावजूद मोदी-शाह ने सत्ता का सिरमौर पुष्कर सिंह धामी को भी बनाया है लिहाजा धामी राज पार्ट 2 में गढ़िया सियासत और सत्ता के कितने गढ़ जीतते नजर आएंगे इसकी झलक आने वाले दिनों में दिख जाएगी। गढ़िया धामी टीम के इकलौते खिलाड़ी रहे जो पहली बार चुनावी दंगल में उतरे और धमाकेदार जीत के साथ विधानसभा पहुँच गए। वरना खुद मुख्यमंत्री धामी से लेकर सत्ता के गलियारे में उनके साया बनकर साथ रहे स्वामी यतीश्वरानंद सबसे ताकतवर मंत्री होकर भी चुनाव में चित हो गए। यही हाल टीम धामी के दो और सूरमाओं संजय गुप्ता और राजेश शुक्ला का रहा।
हालाँकि यह भी सही है कि सुरेश गढ़िया को महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का वरदहस्त हासिल है। लेकिन यह भी तय है कि विधायक बनने के बाद स्वामी, संजय और शुक्ला की अनुपस्थिति में अब गढ़िया ही मुख्यमंत्री धामी के सबसे भरोसेमंद सिपहसालारों में से एक बनकर रहेंगे। यह देखना कम दिलचस्प नहीं होगा कि पॉवर कॉरिडोर में विधायक सुरेश गढ़िया कौनसा मुक़ाम हासिल करते हैं और किन-किन विभागों या फैसलों में उनका दखल दिखाई देता है।
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार
कहने को उमेश कुमार पहले से ही उत्तराखंड के चर्चित मीडिया पर्सनलिटी हैं लेकिन खानपुर से निर्दलीय के रूप में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुँचे समाचार प्लस चैनल के मालिक का रुतबा धामी राज पार्ट 2 में सब पर भारी पड़ता नजर आए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। वैसे उमेश कुमार सत्ता के गलियारे में पहले भी बड़ा रुतबा रखते रहे, फिर चाहे हरदा राज हो या टीएसआर राज। लेकिन बाद में दोनों मुख्यमंत्रियों से आर-पार का झगड़ा भी हुआ।
खैर अब हरदा और त्रिवेंद्र तो न केवल विधानसभा से बाहर हैं बल्कि पॉवर कॉरिडोर में भी हाशिए पर दिखाई दे रहे। उधर उमेश न केवल पहले ही चुनाव में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों को चुनाव दंगल में धराशायी कर आए हैं बल्कि मुख्यमंत्री धामी से करीबी संबंध ऐसे हैं कि उनके लिए अपनी सीट तक छोड़ने का ऑफर दे चुके हैं। जाहिर है इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री धामी की विधायक उमेश कुमार से कितनी गहरी दोस्ती है। खुद उमेश याद करते हुए कहते हैं कि भगत सिंह कोश्यारी के मुख्यमंत्री काल से उनकी धामी से दोस्ती है। जाहिर है उमेश का धामी राज पार्ट 2 में रसूख़ कैसा रहने वाला है इसका सहज अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
आईपीएस अभिनव कुमार
सीनियर आईपीएस अभिनव कुमार टीम धामी में कितनी अहमियत रखते हैं, इसका अंदाज़ा इसी से लगा सकते हैं कि मुख्यमंत्री बनते ही पुष्कर सिंह धामी ने उनको अपनी किचन कैबिनेट में शामिल कर लिया। एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी का पद सर्जित कर धामी ने अभिनव को इतना ताकतवर बना दिया कि कई आईएएस तक कुमार के करिश्मे से रश्क करने लगे। जाहिर है अब धामी पांच साल की सरकार के मुखिया के तौर पर लौटे हैं लिहाजा आईपीएस अभिनव कुमार को टीम धामी के सबसे ताकतवर अफसरों की अग्रिम पंक्ति में गिना जाए तो गलत नहीं होगा।
डीजी सूचना रणवीर सिंह चौहान
धामी राज पार्ट 1 में कई अहम विभागों को संभालते रहे आईएएस रणवीर सिंह चौहान के पास चुनाव से पहले सूचना जैसा अहम विभाग रहा था। पॉवर कॉरिडोर में चर्चा तेज है कि भले मीडिया का एक तबका डीजी सूचना से खुश न हो लेकिन धामी दरबार में अपनी मजबूत पकड़ के चलते रणवीर सिंह चौहान का रसूख़ धामी राज पार्ट 2 में कम होने की बजाय और धमाकेदार हो सकता है। THE NEWS ADDA को खबर है कि मुख्यमंत्री धामी डीजी सूचना के नाते चौहान की परफ़ॉर्मेंस से खुश बताए जाते हैं और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मंत्रियों को विभाग बँटने के बाद संभावित नौकरशाही फेरबदल में चौहान को अहम रोल मिल सकता है।
धामी के बचपन के मित्र राजीव अग्रवाल
राजीव अग्रवाल यानी पॉवरफुल मैन विदाउट पोर्टफ़ोलियो! धामी राज पार्ट 1 में राजीव अग्रवाल की हैसियत कुछ ऐसी रही। पॉवर कॉरिडोर में चर्चा रहती है कि त्रिवेंद्र राज में जो रुतबा केएस पंवार और संजय गुप्ता का रहा, धामी राज में राजीव अग्रवाल की ताकत किसी लिहाज से कमतर नहीं है। अब चर्चा है कि धामी राज पार्ट 2 में राजीव अग्रवाल कोई सरकारी पद लेकर पॉवर सेंटर बनते हैं या पहले की तरह पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाते हैं, इसका पता आने वाले कुछ दिनों में चल जाएगा।
बहरहाल, धामी राज में और भी चेहरे होंगे जिनको आने वाले दिनों में अहम दायित्व से नवाज़ा जाएगा या फिर वे अपनी धमक पॉवर कॉरिडोर्स में दिखाएँगे। लेकिन मौजूदा दौर में ऊपर बताए चार-पांच चेहरे ऐसे हैं जिनका दमखम अभी से दिखाई दे रहा है, नौकरशाही से लेकर लोकशाही के गलियारे में!