देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में पेपर लीक और धांधली के मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं से सार्वजनिक तौर पर कमिटमेंट किया कि सारी परीक्षाएं तेजी से कराई जाएंगी और पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया के साथ। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग सीएम धामी की उसी मंशा को धरातल पर उतारने में जुटा हुआ है।
उसी दिशा में आज उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की ओर से 23 परीक्षाओं के लिए अतिरिक्त परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया गया है।
आज उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार ने कार्यालय में अधिकारियों के साथ परीक्षा कैलेंडर को लेकर बैठक की और शासन द्वारा हाल ही में आयोग को प्रेषित समूह ‘ग’ की 23 परीक्षाओं हेतु अतिरिक्त परीक्षा कलेण्डर जारी कर दिया गया है।
आयोग ने यह संकल्प दोहराया है कि उपर्युक्त समस्त परीक्षाएं समयबद्ध तरीके से वर्ष 2022 एवं 2023 के दौरान आयोजित की जाएंगी।
अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार ने वर्ष 2022 के प्रारंभ में निर्गत यूकेपीएससी के मुख्य वार्षिक परीक्षा कलेण्डर के बारे में अवगत कराया कि आयोग के उक्त परीक्षा कलेण्डर में उल्लिखित 23 परीक्षाएं निर्धारित की गयी थी, जिनमें से अब तक 18 परीक्षाएं सफलतापूर्वक सम्पन्न की जा चुकी हैं तथा 04 परीक्षाओं का आयोजन इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
इनमें पीसीएस मुख्य परीक्षा – 2021 का आयोजन दिनांक 12 से 15 नवम्बर, 2022 के दौरान किया जाना सम्मिलित है तथा शेष एक वन क्षेत्राधिकारी परीक्षा को स्थगित किया गया है।
सिविल जज जू.डि. परीक्षा, ए०ई० परीक्षा, सहायक अभियोजन अधिकारी परीक्षा, असिस्टेंट प्रोफेसर, वन क्षेत्राधिकारी एवं सहायक भूवैज्ञानिक परीक्षा के संदर्भ में आयोग द्वारा अग्रेतर कार्यवाही तभी की जा सकेगी जब क्षैतिज आरक्षण के संदर्भ में मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा हाल ही में पारित आदेश के आलोक में शासन द्वारा आरक्षण प्रक्रिया सुनिश्चित करते हुए आयोग को अवगत कराया जाएगा।
आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार ने यह भी जानकारी दी है कि आरक्षण से सम्बन्धित उत्पन्न कतिपय विसंगतियों के निस्तारण हेतु आयोग द्वारा प्राप्त लगभग 29 अधियाचनों को शासन को प्रत्यावर्तित कर दिया गया है तथा शासन से संशोधित अधियाचन प्राप्त होने के पश्चात् आयोग द्वारा उनके लिए पृथक से एक परीक्षा कलेण्डर जारी करते हुए समानान्तर ढंग से परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
वर्तमान में उक्त 29 अधियाचनों को संशोधित किये जाने की कार्यवाही शासन स्तर पर गतिमान है।