CM Pushkar Singh Dhami Delhi visit, Cabinet reshuffle on cards: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने पिछले दिल्ली दौरे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जरूर मिले लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी। मुख्यमंत्री का केंद्रीय पर्यटन मंत्री से मुलाकात का कार्यक्रम भी शेड्यूल था लेकिन इसी बीच पार्टी आलाकमान से आज ही मुलाकात की पटकथा तैयार हो गई और उनको और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को दिल्ली बुला लिया गया। विधानसभा बैकडोर भर्तियों पर एक्शन के बाद स्पीकर ऋतु खंडूरी की दिल्ली विजिट भी अहम हो गई है।
विश्वस्त सूत्रों ने खुलासा किया है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह से पिछले दौरे पर राज्य सरकार की परफॉर्मेंस रिपोर्ट पर चर्चा हो गई थी लेकिन कई मसलों पर जेपी नड्डा से वार्ता नहीं हो पाई थी। इसी बीच जिस तरह से पूर्व स्पीकर और वर्तमान सरकार ने संसदीय कार्य मंत्री के साथ साथ वित्त और शहरी विकास जैसे अहम विभाग संभाल रहे प्रेमचंद अग्रवाल ने बैकडोर भर्तियों के मसले पर सरकार और संगठन की छीछालेदार कराई है, वह न मुख्यमंत्री और ना ही पार्टी आलाकमान को रास आई है।
सवाल है कि क्या शाह से मुलाकात के बाद अब जेपी नड्डा के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का विधानसभा बैकडोर भर्तियों, कैबिनेट रिशफलिंग और अंकिता भंडारी मर्डर केस को लेकर फीडबैक लेकर जेपी नड्डा बैठे हैं? विश्वस्त सूत्रों ने कम से कम यही इशारा किया है कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जिस धमकाने वाले अंदाज में बैकडोर भर्तियों पर मीडिया हैंडल करने की कोशिश कर आग में घी डालने का काम किया और फिर विवाद के बीच विदेश सैर सपाटे पर निकले उसने पार्टी आलाकमान को खासा खफा कर दिया है।
माना जा रहा है कि प्रेमचंद अग्रवाल का राजनीतिक भविष्य क्या होगा और मंत्रीपद पर वे कब तक काबिज रहेंगे यह सीएम धामी के इसी दिल्ली दौरे में तय हो जाएगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या अग्रवाल अभयदान पा जाते हैं या फिर निपटा दिए जाएंगे। अग्रवाल को लेकर मुख्यमंत्री धामी के फीडबैक का भी अहम रोल रहेगा। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और विधानसभा अध्यक्ष की उपस्थिति मायने रखेगी।
बड़ा सवाल है कि अगर प्रेमचंद अग्रवाल पर पार्टी नेतृत्व का डंडा चल जाता है तो क्या महज उनकी छुट्टी भर से बात बन जाएगी या फिर पहले से खाली टीम मंत्री पद भरने को लेकर बड़े मंत्रिमंडल फेरबदल की पटकथा तैयार कर ली गई है क्योंकि मुख्यमंत्री धामी पहले भी संकेत दे चुके हैं कि वे मंत्रिमंडल विस्तार के हक में हैं। ऐसे में अगर कैबिनेट में मेजर सर्जरी का फॉर्मूला चलेगा तो क्या भर्तियों को लेकर बदनाम एक और मंत्री जो लगातार विपक्ष के निशाने पर आ रहे उन पर भी एक्शन होगा? और क्या छह माह की मंत्रियों की परफॉर्मेंस पर भी आलाकमान नजर ए इनायत करने का मन बना चुका है?
जाहिर है ये कई पेचीदा सवाल हैं जिनका जवाब सीएम धामी और अध्यक्ष, स्पीकर दौरा दे सकता है। वैसे भी बीजेपी पावर कोरिडोर्स में यह चर्चा काफी दिनों से चल रही कि नवरात्र के बाद कैबिनेट की नई सूरत नज़र आए तो ताज्जुब नहीं करना चाहिए। वैसे मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल जरूर टकटकी लगाए सीएम धामी, प्रदेश अध्यक्ष और स्पीकर के लौटने का बेसब्री से इंतजार करेंगे! आखिर अग्रवाल अच्छे से जानते हैं कि स्पीकर ऋतु खंडूरी की दिल्ली में उपस्थिति के उनके लिए मायने क्या हैं।