- गुरुवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ देश भर के सहकारिता मंत्रियों का सम्मेलन
- केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की अगुवाई में हुआ सम्मेलन
- उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत और सचिव डॉ वीवीआरसी पुरुषोत्तम हुए शामिल
दिल्ली देहरादून: गुरुवार को केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में विज्ञान भवन में सहकारिता मंत्रियों का सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत और सहकारिता सचिव डॉ वीवीआरसी पुरुषोत्तम शामिल हुए। सम्मेलन में धन सिंह ने कहा कि जब उत्तराखंड में पैक्स समितियां थी, तब वह 22 पर्सेंट प्रॉफिट में थी और उन समितियों को एमपैक्स बनाकर बाजार दिया जिसके बाद वे 84% प्रॉफिट में आ गई हैं।
डॉ रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3400 करोड़ रुपए की एनसीडीसी परियोजना, उत्तराखंड सहकारिता विभाग को दी है जिससे हमने किसानों की आमदनी दोगुनी कर ली है। उन्होंने कहा कि परियोजना की मदद से बनाया जा रहा बद्री घी अमेजन (Amazon) के माध्यम से 2500 रुपए किलो बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 15000 बकरी पालकों को 10-10 बकरियां फ्री दी जा रही हैं और हिमालयी गोट विलेज बनाए जा रहे हैं।
उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि हम मिनट मिशन योजना को कोपरेटिव सोसायटी के माध्यम से सफलम ढंग से चला रहे हैं। पहाड़ी गोदा, झंगोरा ,मंडवा, लाल चावल, राजमा एमपैक्स के जरिये पहाड़ी किसानों को उचित मूल्य देकर खरीद रहे हैं फिर देश विदेश में ऑन लाइन माध्यम से बेच रहे हैं। इसमें बहुत डिमांड आ रही है।
डॉ रावत ने कहा कि गंगोत्री से गंगा जल देश विदेश में श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड सहकारिता विभाग भेज रहा है। उत्तराखंड में मशरूम की खेती, सेब के नए बागान लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि दून सिल्क को आगे बढ़ाया जा रहा है। एक करोड़ रुपये के प्रॉफिट में उत्तराखंड को ऑपरेटिव सिल्क फेडरेशन आ गया है। राज्य में कोपरेटिव ने शिल्क का नया बाजार दिया है।
सहकारिता सम्मेलन में उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने 7 सुझाव दिए जो इस प्रकार से हैं
- 1.सहकारी संस्थाओं में परिवारवाद खत्म करने को नीति बनाई जाए।
- 2.पैक्स कम्प्यूटराइजेशन के साथ बैंकिंग का यूनिफार्म कोर बैंकिंग सलूशन लाया जाए
- 3.पैक्स और FPO एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम करे।
- 4.मध्य कालीन और दीर्घ कालीन ऋणों में कोलेक्टरल सिक्योरटी की सीमा कम की जाए।
- 5 .सहकारिता विश्वविद्यालय का कैम्पस प्रत्येक राज्य में खोला जाए।
- 6.हिमालयी राज्यों को 90%और 10%के अनुपात में केंद्र की योजनाओं में सहायता उपलब्ध कराई जाए।
- 7 – सहकारी संस्थाओं में पारदर्शी भर्ती की व्यवस्था किये जाने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाई जाए।
नई दिल्ली में सहकारिता सम्मेलन में सहकारिता सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, निबन्धक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय, अपर निबन्धक आनंद एडी शुक्ल शामिल हुए।