देहरादून: 14 सूत्रीय माँगों पर आंदोलित उत्तराखंड के तीनों ऊर्जा निगमों के 3500 से अधिक कर्मियों की सचिव सौजन्या और फिर मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू से वार्ता विफल हो गई।
उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने हड़ताल का एलान कर दिया। वहीं, शासन के अधिकारियों को जब इसका पता चला तो उन्होंने कर्मचारी संगठनों के पास यूपीसीएल धरना स्थल पर मीटिंग के मिनट्स भेजे। लेकिन हड़ताली कर्मियों ने आरोप लगाया कि सरकार कैबिनेट में विचार करने का वादा कर मुकर गई क्योंकि 27 जुलाई को कैबिनेट होनी थी जिसे अब 30 जुलाई को कर दिए जाने की जानकारी मिल रही है।
दरअसल, 14 सूत्रीय मांगों को लेकर यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल के 10 संगठनों के करीब 3500 बिजली कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन चला रहे हैं। सोमवार को यूजेवीएनएल मुख्यालय पर सत्याग्रह और यूपीसीएल तक रैली निकालने के बाद यूपीसीएल परिसर में ही बिजली कर्मचारी धरने पर बैठे हुए हैं। सोमवार को दिनभर गहमागहमी रही लेकिन दो दौर की वार्ता बेनतीजा रहने से हालात टकराव के बन चुके हैं।
ज्ञात हो कि कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को दोपहर पहले करीब चार घंटे तक सचिव ऊर्जा सौजन्या और निगमों के आला अधिकारियों के साथ वार्ता की। लेकिन यह वार्ता विफल हो गई। इसके बाद मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने आंदोलित कर्मियों को वार्ता के लिए बुलाया। यहां भी करीब चार घंटे तक वार्ता चली। वार्ता के बाद जहां शासन के अधिकारी हड़ताल न होने को लेकर आश्वस्त दिखे तो वहीं संयुक्त मोर्चा के तेवर तल्ख थे।
मोर्चा के पदाधिकारी और प्रवक्ता दीपक बेनीवाल ने The News Adda को बताया कि वार्ता बेनतीजा रही। अब रात्रि 12 बजे तक सरकार की तरफ से कोई भी सकारात्मक निर्णय न होने पर समस्त बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।