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नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने हल्ला मचाया तो सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास की टूटी नींद, स्वीकारा तीन जिलों को छोड़कर बाकी जिलों में अधिकतम दो दिनों में हो पाएगा भुगतान

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देहरादून: जनहित के मुद्दों पर विपक्ष तथ्यों के साथ हल्ला मचाए तो सरकार और नौकरशाही के कानों पर भी जूँ रेंगने लगती है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के मानदेय को लेकर मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आवाज उठाई और धामी सरकार के खिलाफ हल्लाबोल किया तो नौकरशाही की नींद टूट गई। यशपाल आर्य ने सीधा आरोप लगाया कि कोरोना महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना गांव-गांव, घर-घर दौड़ी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को आज अलग-अलग जिलों में दो माह से लेकर छह माह तक के मानदेय के लिए तरसना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष आर्य ने यहाँ तक आरोप लगाया कि कई जिलों में हालत यहां हो गई है कि पैसा न मिल पाने के कारण किराए पर लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों को खाली करने तक की नौबत आन खड़ी हुई है।

THE NEWS ADDA ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य द्वारा उठाए मुद्दे को प्रमुखता से आप तक और सरकार-शासन में बैठे लोगों तक पहुँचाया तो सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास एचएस सेमवाल को तथ्यों के साथ सफाई पेश करने को आगे आना पड़ा।

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सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास एचएस सेमवाल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के मानदेय के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जनपद उधमसिंह नगर, बागेश्वर, चंपावत का माह मार्च एवं अप्रैल तक केंद्र एवं राज्य दोनों मदों में मानदेय भुगतान किया जा चुका है। जबकि रुद्रप्रयाग एवं पौड़ी के भुगतान हेतु बिल लगाए जा चुके हैं।
सचिव सेमवाल ने कहा कि शेष जनपदों के भुगतान हेतु कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी गयी और अधिकतम दो दिनों में बिल लगाए जाने का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। साफ है आज के दिन उधमसिंहनगर, बागेश्वर और चंपावत जिले में बकौल सचिव सेमवाल मार्च और अप्रैल का भुगतान हो पाया है बाकी जिलों में आंगनबाड़ी वर्कर्स को मानदेय का अभी इंतजार ही है। बेहतर हो जैसा दावा किया गया है उसी अनुरूप अधितकतम दो दिनों में सचिव साहब आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों-सहायिकाओं का लंबित मानदेय भुगतान करा दें।

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