चंडीगढ़: कोरोना से जंग लड़ रहे महान धावक पद्मश्री सरदार मिल्खा सिंह ने शुक्रवार रात्रि 11:30 बजे चंडीगढ़ पीजीआई में अंतिम साँस ली। 91 वर्षीय मिल्खा सिंह की पत्नी का भी पांच दिन पहले पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशंस के चलते निधन हो गया था। फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह का कोरोना पॉजीटिव होने के बाद पिछले 15 दिनों से पीजीआई में इलाज चल रहा था। 20 मई को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी और तीन जून को ऑक्सीजन लेवल गिरने के कारण उनको आईसीयू में भर्ती किया गया था।
राष्ट्रपति कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उनके निधन पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने चार जून को मिल्खा सिंह से फोन पर बातचीत की थी। प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा है कि आप हमेशा लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
पाकिस्तान में मिला था फ्लाइंग सिख का नाम ख़िताब बनकर ताउम्र जुड़ा रहा।
पाकिस्तान के एक दौड़ में गए मिल्खा सिंह के शानदार प्रदर्शन को देखकर पाकिस्तान के जनरल अयूब खान ने उन्हें ‘फ्लाइंग सिख’ कि नाम दिया। 1960 के रोम ऑलंपिक में मिल्खा सिंह से काफी उम्मीदें थे लेकिन वे 200 मीटर तक सबसे आगे रहने के बाद 400 मीटर की रेस में पिछड़ गए और चौथे नंबर पर रहने से ऑलंपिक मेडल ये चूक गए। 1964 के एशियाई गेम्स में मिल्खा सिंह ने 400 मीटर और 4×400 रिले रेस में गोल्ड मेडल जीते। उन पर 2013 में ‘भाग मिल्खा भाग’ फिल्म भी बन चुकी है। भारत सरकार ने मिल्खा सिंह को पद्मश्री से सम्मानित किया।