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गोल्डन कार्ड अब नहीं रहेगा सफ़ेद हाथी! स्वास्थ्य मंत्री ने दिया आश्वासन कार्मिकों और पेंशनर्स की मांगों पर होगा अमल, दूर करेंगे योजना की ख़ामियां

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देहरादून: गुरुवार को सचिवालय संघ ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में अध्यक्ष स्वास्थ्य प्राधिकरण, सचिव स्वास्थ्य एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में कार्मिकों, पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड की खामियों से चिकित्सा उपचार में हो रही दिक़्क़तों के बारे में तथ्य पेश किए। संघ ने बताया कि जनवरी से अब तक निरन्तर प्रतिमाह अंशदान की कटौती के बावजूद गोल्डन कार्ड की सुविधा का धरातल पर कोई लाभ कार्मिकों को नही मिल रहा है और अधिकारियों की हीला-हवाली से आम कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है।


बैठक में स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में ये तथ्य भी लाया गया कि गोल्डन कार्ड योजना सचिवालय सहित प्रदेश के कर्मचारियों, शिक्षकों, पेंशनर्स के मासिक अंशदान से संचालित है। इसमें राज्य सरकार से कोई वित्तीय सहायता यानबजट नही लिया जा रहा है। संघ ने आरोप लगाया कि पिछले साल 20 फरवरी को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर पर सचिवालय संघ सहित सभी संगठनों के विचार विमर्श एवं सुझाव के बाद शासन को प्रेषित संशोधन प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से घुमाया जा रहा है। लगभग 5 माह का समय व्यतीत होने के बाद भी सम्बन्धित पत्रावली को अब तक निस्तारित न करने से कहीं न कहीं सरकार की छवि को धूमिल किये जाने का प्रयास किया गया है।


सचिवालय संघ ने IAS अधिकारियों की कर्मचारी विरोधी कार्यप्रणाली की और ध्यान दिलाते हुए बताया गया कि अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों द्वारा जहं एक ओर राज्य में कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्व व्यवस्था को अचानक समाप्त कर मौजूदा व्यवस्था खामियों के साथ लागू की गई है, वहीं दूसरी ओर अपने लिए 2000रु प्रतिदिन चिकित्सा प्रतिपूर्ति की दर वर्तमान समय तक यथावत लागू रखी गयी है।

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दीपक जोशी, अध्यक्ष सचिवालय संघ


सचिवालय संघ की ओर से बैठक में गोल्डन कार्ड की मुख्य खामियों के रूप में योजना को अटल आयुष्मान योजना से पूर्ण रूप से पृथक किये जाने की मांग की गई। साथ ही इस योजना को पूर्ण रूप से CGHS के अर्न्तगत परिवर्तित किये जाने तथा चिकित्सा उपचार हेतु बीमारियों के आधार पर सूचीबद्धता न किये के स्थान पर नये सिरे से CGHS की दरों पर सम्पूर्ण चिकित्सालय को सूचीबद्व किये जाने की मांग रखी गई। और इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा शासन को प्रेषित संशोधन प्रस्ताव को शासन स्तर पर स्वीकृति प्रदान किये जाने की पुरजोर मंग की है।


आज बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने संघ के सभी प्रमुख बिन्दुओं को सैद्वान्तिक रूप से स्वीकार करते हुए आश्वस्त किया है कि कर्मचारी एवं पेंशनर्स की यह योजना कार्मिकों की भावनाओं एवं मांग के अनुरूप दुरूस्त की जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि सचिवालय संघ व कार्मिकों की मांग के अनुरूप योजना को स्वीकार कराया जायेगा। बैठक में सचिवालय संघ के साथ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के भी पदाधिकारी उपस्थित थे।


संघ की तरफ से बैठक में अध्यक्ष के साथ उपाध्यक्ष सुनील लखेड़ा, महासचिव विमल जोशी, सलाहकार रीता कौल और सदस्य किशन असवाल आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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