- इगास के मौके पर मुख्यमंत्री आवास में जीवन्त हुई लोक संस्कृति
- मुख्यमंत्री ने भेलो पूजन कर तथा भेलो खेलकर की कार्यक्रम की शुरूआत
- लोक कलाकारों ने लोकगीत व लोकनृत्य की दी शानदार प्रस्तुति
लोक नृत्य में लोक कलाकारों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी हुए शामिल - मुख्यमंत्री ने सभी को दी इगास की बधाई
- सीएम ने अपनी लोक परम्पराओं एवं लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने का किया आह्वान
- इगास पर्व आयोजन की मुख्यमंत्री की पहल को प्रदेश भर में सराहा गया
- प्रदेश में सभी संगठनों-संस्थाओं के साथ आम जनता ने इगास पर्व के आयोजन में निभाई भागीदारी
Igaas Bagwal in Uttarakhand: उत्तराखंड में लोक पर्व इगास बग्वाल की धूम पहाड़ से मैदान दिखाई दी। आम से लेकर खास सबने भेलो खेलकर दिवाली के 11 दिन बाद मनाए जाने वाले रोशनी पर्व में बढ़ चढ़कर भागीदारी की। धामी सरकार ने इगास पर सार्वजनिक अवकाश कर दिया था जिसके चलते लोगों ने खूब तैयारी की और सबके साथ मिलकर लोक पर्व मनाया। सीएम आवास में भी लोक पर्व की धूम देखने को मिली।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर प्रदेश भर में सभी संस्थाओं एवं संगठनों के साथ आम जनता द्वारा इस पर्व में अपनी भागीदारी निभायी। इस दौरान प्रदेश में लोक संस्कृति एवं लोक परम्परा के इस पर्व पर उत्साह का माहौल दिखायी दिया। इगास के मौके पर मुख्यमंत्री आवास में भी लोकगीत लोकनृत्य एवं लोक संस्कृति के साथ लोक परम्पराओं के जीवन्तता की झलक देखने को मिली।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं भेलो पूजन कर, भेलो खेलने के साथ लोक कलाकारों के साथ लोक नृत्य में भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी को इगास की बधाई दी तथा सभी से अपनी लोक संस्कृति एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने में सहयोगी बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण देश में सांस्कृतिक विरासत और गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है। उसी तरह उत्तराखंडवासी अपने लोकपर्व इगास को आज बड़े उत्साह से मना रहे हैं।
सीएम ने कहा कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से आजादी के अमृत काल में पंच प्रण के संकल्पों के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया था। इनमें से एक संकल्प यह है कि हम अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करें। इगास पर्व का आयोजन उत्तराखंडी लोक संस्कृति से नयी पीढ़ी के जुड़ाव को और प्रगाढ़ बनाएगा।
मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखण्डवासियों से भी अनुरोध किया कि वे भी अपने लोक पर्व को अपने गांव में मनाने का प्रयास करें तथा प्रदेश के विकास में सहभागी बने, सभी के सामूहिक प्रयासों से हम विकल्प रहित संकल्प के साथ उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्यों में शामिल करने में सफल होंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, प्रेमचन्द अग्रवाल, रेखा आर्या, सुबोध उनियाल, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, राज्यसभा नरेश बंसल, विधायक उमेश शर्मा काऊ, सविता कपूर, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास पर्व के अवसर पर परेड ग्राउण्ड पहुंचकर पहाड़ी मेला समिति एवं श्री शक्ति सेवा तथा जन कल्याण समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। उन्होंने सभी को इगास पर्व की बधाई देते हुए कहा कि किसी भी राज्य की लोक संस्कृति व लोक परम्परायें उस राज्य की आत्मा होती है। उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति व परम्परायें विशिष्ट हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपनी परम्पराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक विरासत को जानना और समझना होगा। उनका सम्मान करना होगा। हमारी सुन्दर परम्पराओं में कितनी गहराई एवं विजन है इसकों हमें समझना होगा और इसे नयी पीढ़ी को भी बताना होगा। हमारी अनूठी परम्परायें जहां एक ओर हमें समरसता का पाठ पढ़ाती है, वहीं हमें आपस में जोड़ने का भी कार्य करती है।
उन्होंने कहा कि अपनी परम्पराओं एवं संस्कृति का संरक्षण तथा इसे अगली पीढ़ी को सौंपना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। जब हम अपने त्यौहार और उत्सव अपने परिवार, गांव और अपने लोगों के बीच मनाते है तो खुशी और आनंद की कोई सीमा नहीं रहती। हम सभी का यह प्रयास रहना चाहिए कि हम अपने लोक पर्वों को अपने लोगों के बीच मनाने का प्रयास करें।
सीएम धामी ने कहा कि अब हमारे प्रवासी उत्तराखण्डी भी इगास के अवसर पर अपने गांवों में लौटते हैं और अपने पैतृक गांव में इगास का त्यौहार अपने परिवार और गांववालों के साथ मनाते हैं। यह बेहद प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इगास पर्व के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, किन्तु केवल अवकाश घोषित करने से हम अपनी संस्कृति की महानता नहीं समझ पायेंगे, बल्कि इसके लिए हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उन्हें आशा है कि हम सभी मिलकर जहां एक ओर अपनी संस्कृति के संवर्धन के लिए कार्य करेंगे, वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ प्रदेश बनाने के हमारे विकल्प रहित संकल्प के आधार पर अपने-अपने क्षेत्रों में भी सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि वर्ष 2025 में जब हमारा राज्य अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष माना रहा होगा, तब तक हम अपने प्रदेश की सवा लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का कार्य करेंगे। यह प्रयास निश्चित रूप से महिलाओं के आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि समाज में महिला शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। महिला सशक्तीकरण के बिना एक आदर्श समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को आरक्षण पर रोक संबंधी उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के आदेश पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्टे दिया गया है। यह राज्य की महिलाओं के हित में लिया गया बड़ा निर्णय है। सीएम ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रदेश की महिलाओं के हित में दिए गए फ़ैसले का हम स्वागत करते हैं। हमारी सरकार प्रदेश की महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है। हमने महिला आरक्षण को यथावत बनाए रखने के लिए अध्यादेश लाने की भी पूरी तैयारी कर ली थी। साथ ही हमने उच्चतम न्यायालय में भी समय से अपील करके प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें नये संकल्पों के साथ नया उत्तराखण्ड बनाना है। यह हम सबके सामूहिक प्रयासों से ही संभव होगा, जब हम सब एक साथ कदम मिलाकर चलेंगे तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।