- पीएम मोदी एक्टिव मुकुल रॉय को किया फ़ोन, अस्पताल में भर्ती रॉय की पत्नी का जाना हालचाल, इससे पहले सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी हॉस्पिटल में मुकुल रॉय से मिलने गए थे।
दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर छिड़ी मोदी वर्सेस ममता बैटल चुनाव नतीजे और नई सरकार गठन के बाद और तीखी हो चली है। चुनाव बाद हिंसा पर बीजेपी का हल्लाबोल और राजभवन के रास्ते दबाव का खेल और उस पर ममता का पलटवार! उसके बाद मुख्य सचिव को दिल्ली तलब करने के फ़रमान पर मोदी सरकार और ममता सरकार में बढ़ती तल्ख़ी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। लेकिन इस सबसे आगे ऐसा लगता है कि अब ममता बनर्जी चुनाव पूर्व रही बीजेपी की तृणमूल कांग्रेस तोड़कर अपना घर बड़ा करने की चाल को उसी पर आजमाने पर उतर आई हैं। चुनाव से पहले टीएमसी के 33 विधायक बीजेपी में शामिल हुए थे और उनमें से एक दर्जन से ज्यादा को चुनाव लड़ाया गया था।
बंगाल की सत्ता पर पहले और मजबूत होकर लौटी टीएमसी के नेता दावा कर रहे हैं कि न केवल बीजेपी के 33 विधायक बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु रॉय भी ममता कैंप में लौटने को बेचैन हैं। सुभ्रांशु फेसबुक पर मोदी सरकार की आलोचना करते लिख चुके हैं कि बेहतर हो एक चुनी हुई सरकार की निंदा करने की बजाय आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। पीएम मोदी एक्टिव मुकुल रॉय को किया फ़ोन, अस्पताल में भर्ती रॉय की पत्नी का जाना हालचाल, इससे पहले सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी हॉस्पिटल में मुकुल रॉय से मिलने गए थे।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ममता बनर्जी बीजेपी और नेताओं के वेलकम से पहले हर तरीके से चीजोें का आंकलन कर लेना चाह रही तभी बगावत को बेचैन नेताओं को ठहरने को बोला गया है। चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी गए नेताओं को उम्मीद थी कि मोदी मैजिक के सहारे बंगाल में बदलाव होगा लेकिन ममता बनर्जी के ‘खेलो होबे’ ने सब खेल कर दिया। बंगाल की 294 सीटों की विधानसभा में टीएमसी के पास 213 सीटें हैं और बीजेपी के पास 77 सीटें। चुनाव पूर्व 50 से ज्यादा नेता बीजेपी में आए थे जिसमें 33 टीएमसी के सिटिंग विधायक थे, अब सत्ता न पाकर इन्हीं में बेचैनी दिखने लगी है।वैसे भी कहावत है कि बंगाल में पॉवर सबकुछ होती है, ऑपोजिशन की हैसियत न पहले रही और बीजेपी कैंप में भगदड़ की अटकलें बता रही है कि न अब रहेगी।