भारी भीड़ के चलते अब पुलिस के साथ-साथ NDRF-ITBP को भी ज़िम्मा: मोदी-धामी का फ़ोकस चारधाम यात्रा, नोडल विभाग के मंत्री के सैर-सपाटे ने विपक्ष को दिया मौक़ा

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देहरादून: चारधाम यात्रा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कितना फ़ोकस है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जैसे कि यात्रा शुरू होने के पहले हफ़्ते में हार्ट अटैक कई यात्रियों के दम तोड़ने की खबर आई पीएमओ ने राज्य सरकार से हालात की रिपोर्ट माँगी। इसके तुरंत बाद यात्रियों को स्वास्थ्य और इमरजेंसी हालात में त्वरित मदद मिल सके इस मक़सद से NDRF और ITBP को भी यात्रा ख़ासतौर पर केदारनाथ रूट पर तैनात कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी पीएमओ के स्तर लगातार राज्य सरकार से चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर रिपोर्ट मँगा रहे हैं और प्रधानमंत्री के फ़ोकस के अनुरूप ही एक्शन में दिख रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अफ़सरशाही को चारधाम यात्रा को लेकर किसी भी तरह की कौताही बर्दाश्त न करने का सख़्त संदेश दिया है।

सीएम धामी ने बिना देर किए जहाँ स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत को केदारनाथ और वन मंत्री सुबोध उनियाल को बदरीनाथ धाम की यात्रा व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने और यात्रियों को हो रही दिक़्क़तों से निपटने का ज़िम्मा सौंप दिया है। वैसे तो पर्यटन विभाग चारधाम यात्रा को लेकर नोडल विभाग की तरह काम करता आया है लेकिन सीएम धामी ने दो कैबिनेट मंत्रियों को मोर्चे पर लगातार सख़्त संदेश देने की कोशिश भी की है।

कहने को पर्यटन मंत्री के नाते सतपाल महाराज चारधाम यात्रा के नोडल विभागीय मंत्री हैं। लेकिन मंत्री महाराज ने चारधाम यात्रा को लेकर देश भर में दिख रहे श्रद्धालुओं के उत्साह को नज़रअंदाज़ कर चार दिन दुबई जाने को तवज्जो दी। हालाँकि मंत्री महाराज दुबई में अरेबियन ट्रैवेल मार्केट (ATM) में शिरकत करने को बेहद ज़रूरी क़रार दे रहे। लेकिन सूबे में कोरोना के दो साल बाद उमड़ रही भीड़ और व्यवस्थाओं के मोर्चे पर नदारद नोडल विभागीय मंत्री अखर रहा है। विपक्ष को बैठे-बिठाए मंत्री महाराज ने मौक़ा दिया और कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने तो यहाँ तक कटाक्ष कर दिया कि सतपाल महाराज प्रदेश के नहीं बल्कि विश्व के पर्यटन मंत्री ठहरे। दो नए मंत्रियों को ज़िम्मा देने पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने तो यहाँ तक पूछ डाला है कि क्या समझें पर्यटन मंत्री फ़ेल साबित हो गए?

ज़ाहिर है चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को देखने के लिए सीएम धामी द्वारा दो मंत्रियों की तैनाती करना मंत्री महाराज के नदारद रहने से खड़े हुए विवाद की आँच पर पानी डालना भी हो सकता है। नौकरशाही पर नकेल को लेकर सख़्त तेवर अपनाए मुख्यमंत्री धामी का यह मंत्री महाराज के बहाने कैबिनेट को भी साफ़ संदेश है कि जो मंत्री डिलीवर नहीं करेगा उसकी तरफ़ से आँख मूँदकर नहीं बैठा जाएगा। सीएम धामी बख़ूबी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी चारों धामों को लेकर किस तरह की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और यात्रियों की अपार भीड़ के बावजूद यात्रा का सफ़ल संचालन कराकर सूबे की सरकार के मुखिया के नाते वे बड़ा संदेश दे सकते हैं।


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