टोक्यो ऑलिंपिक: देश में 1.8% आबादी वाले हरियाणा से 24% खिलाड़ी, सैन्य बहुल उत्तराखंड में सरकारों की खोखली खेल नीति, महिला हॉकी टीम में वंदना के रूप में राज्य से इकलौती खिलाड़ी

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दिल्ली/ देहरादून: आगामी 25 जुलाई से शुरू हो रहे टोक्यो ऑलिंपिक में भारत की ओर से 122 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। ऑलिंपिक स्पर्धाओं में भारत की तरफ से यह अब तक का सबसे बड़ा खिलाड़ियों का दल है जो अपने खेल के दम पर देश का नाम रौशन करने जापान की धरती पर जौहर दिखाने उतरेगा।
भारतीय ऑलिंपिक दल में 30 खिलाड़ी अकेले हरियाणा से हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार हरियाणा की आबादी 2.54 करोड़ यानी देश की आबादी का महज 1.87 फीसदी है और ऑलिंपिक दल में लगभग एक चौथाई (24%) खिलाड़ी देश के लिए खेलेंगे। जबकि उत्तराखंड की आबादी जनगणना 2011 के मुताबिक़ 1.01 % है लेकिन राज्य से महिला हॉकी टीम में शामिल वंदना के रूप में इकलौती खिलाड़ी ऑलिंपिक दल का हिस्सा बनी हैं।

जबकि पंजाब से 16 खिलाड़ी, तमिलनाडु से 12, केरल व यूपी से 8-8, महाराष्ट्र से 6, दिल्ली व मणिपुर से 5-5, ओडीशा व राजस्थान से 4-4, गुजरात, झारखंड, तेलंगाना, कर्नाटक से 3-3, मप्र और हिमाचल से 2-2 खिलाड़ी ऑलिंपिक में खेलेंगे।

मणिपुर, हिमाचल और दूसरे हिमालयी राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड के पिछड़े की सबसे बड़ी वजह सरकारी स्तर पर खिलाड़ियों के लिए न खेलों का इंफ़्रास्ट्रक्चर होना और न ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्राथमिक या खेल में टेलेंट दिखाने के बाद नौकरी या पर्याप्त आर्थिक मदद देना है। जहां हरियाणा, पंजाब , केरल और तमिलनाडु में खिलाड़ियों के सरकारी स्तर पर खूब प्रोत्साहन मिलता है वहीं उत्तराखंड में खेल-खिलाड़ी न किसी मुख्यमंत्री की प्राथमिकता रही और न ही किसी खेल मंत्री ने इस ओर कभी ध्यान देना गंवारा किया।


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