देहरादून: उत्तराखंड में पटवारी और लेखपाल के 525 पद के लिए एक लाख 43 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इस लिहाज से एक पद के लिए तकरीबन 280 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा देंगे यानी कि मुकाबला काफी कठिन होने वाला है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब किसी भर्ती के लिए इतनी अधिक संख्या में आवेदन आए हैं। इससे पहले बीते वर्ष वन आरक्षी के 1218 पदों के लिए एक लाख दो हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस भर्ती के लिए 16 फरवरी 2020 को करीब 98 हजार अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा दी थी।
जाहिर है अगर सवा पांच सौ पदों के लिए करीब डेढ लाख आवेदन आ गए हैं तो सहज अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि गुज़रे सालों में बेरोज़गारी कैसे बढ़ी और नौकरियों को लेकर युवा बेरोज़गारों में कैसी मारा-मारी मची हुई है। ऐसे में त्रिवेंद्र राज में सात लाख युवाओं को रोजगार देने की जो बातें की गई और जिनको आज भी दोहराया जा रहा उनमें कितना सच्चाई है, समझा जा सकता है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने दोनों पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि पांच अगस्त थी और छह अगस्त से बुधवार तक आवेदनों की स्क्रूटनी की गई जिसमें एक लाख 43 हजार 703 आवेदन सही पाए गए हैं।
ज्ञात हो कि आयोग ने समूह ‘ग’ के तहत 20 जून को पटवारी के 366 और लेखपाल के 159 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। इसके लिए 22 जून से आनलाइन आवेदन प्रारंभ किए गए थे। पटवारी के लिए आयु सीमा 21 से 28 वर्ष और लेखपाल के लिए 21 से 35 वर्ष तय की गई है। दोनों पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक है और आवेदन करने वालों में एमएससी, बीटेक, एमबीए कर चुके युवा भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि लेखपाल और पटवारी भर्ती की लिखित परीक्षा इसी वर्ष नवंबर में आयोजित होने की संभावना है।