Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड में 2017 के मुकाबले 2022 में वोटिंग में भारी गिरावट, कम वोटिंग का मतलब भाजपा की सत्ता गई या कांग्रेस के लिए संकट ?

सौजन्या, मुख्य निर्वाचन अधिकारी
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देहरादून: उत्तराखंड में पाँचवीं विधानसभा को लेकर हो रहे चुनाव में सोमवार को वोटिंग संपन्न हो गई। लेकिन कम वोटिंग ने सियासी गलियारे से लेकर राजनीतिक पंडितों को नतीजों को लेकर अभी से क़यासों की क़िलेबंदी के काम में झोंक दिया है। कयासबाजी इसी बात को लेकर हो रही कि क्या 2017 के मुकाबले 2022 में वोटिंग में गिरावट भाजपा के लिए खतरा है या कांग्रेस के लिए! क्या कम वोटिंग सरकार के खिलाफ कम एंटी इनकमबेंसी का द्योतक मानी जाए या फिर वोटर्स ने घरों से कम निकलकर अपने पसंदीदा दल से अपनी नाराजगी जता दी है? यानी कम और ज्यादा वोटिंग के पक्ष और विपक्ष में जितने मुँह उतने तर्क!

कितने वोट पड़े आज?

सबसे पहले बात सोमवार को सूबे में सभी 70 सीटों पर हुई वोटिंग के प्रतिशत को लेकर करते हैं। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार 14 फरवरी यानी आज राज्य में विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सूचना के अनुसार राज्य में लगभग 62.5 प्रतिशत मतदान हुआ है। हालाँकि मतदान समाप्ति के बाद पोलिंग पार्टियों के लौटने पर मतदान के अंतिम और वास्तविक आंकड़े जारी किए जाएंगे।


यानी विधानसभा चुनाव 2017 के 65.6 फीसदी वोटिंग के मुकाबले विधानसभा चुनाव 2022 में 62.5 फीसदी (अनुमानित) वोटिंग हुई है। जबकि विधानसभा चुनाव 2012 में उत्तराखंड में 66.85 फीसदी वोटिंग हुई थी।

अब अगर वोटिंग अधिक होना बदलाव का प्रतीक है तो 2012 में राज्य में सबसे अधिक वोटिंग 66.85 फीसदी हुई (तमाम चुनावों में) लेकिन नतीजे आए सत्ताधारी भाजपा 31 सीटों के साथ विपक्ष में चली जाती हैं और विपक्षी कांग्रेस 32 सीटें जीतकर सरकार बना लेती है। उस चुनाव में एक बड़ा वोट शेयर निर्दलीयों व बसपा को भी जाता है।
इसके मुकाबले विधानसभा चुनाव 2017 में वोटिंग थोड़ी कम हुई लेकिन नतीजे अभूतपूर्व रहे और भाजपा 57 सीटें जीतती है और कांग्रेस अपने 2012 के करीब-करीब बराबर वोट लेकर भी 11 सीटों पर सिमट जाती है।

साफ है 2017 के मुकाबले 2022 में वोटिंग प्रतिशत गिरने का सीधे सीधे मतलब भाजपा या कांग्रेस की हार या जीत समझना जल्दबाज़ी होगा बल्कि सीट दर सीट वोटिंग का प्रतिशत पता लगने के बाद ही तस्वीर साफ होगी।

बहरहाल चुनाव आयोग के अनुसार 2022 के विधानसभा चुनाव में 11,697 पोलिंग स्टेशनों पर शांतिपूर्ण चुनाव कराने में 80 हजार अधिकारियों/कर्मचारियों और 40 हजार सुरक्षा कर्मियों सहित 1.20 लाख कार्मिकों की भूमिका रही।

मॉक पोल से मतदान समाप्ति तक करीब 137 B.U. और 155 C.U. तथा 294 VVPAT तकनीकी ख़राबी के बाद बदली गई।
वोटिंग खत्म होने के बाद देर रात्रि तक 11,697 मतदान पार्टियों में से 9385 संग्रह केन्द्रों तक लौट आएँगी और शेष 2312 पोलिंग पार्टियां 15 फरवरी को संग्रह केन्द्रों पर लौटेंगी। सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने सभी का आभार जताया है।


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