ALARMING: उत्तराखंड डेथ रेट में पंजाब के बाद देश में दूसरे नंबर पर, मई के 25 दिनों में राज्य की 56 फीसदी मौतें हुई, तीरथ सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती

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देहरादून: 26 अप्रैल से उत्तराखंड में कोविड कर्फ़्यू लगा हुआ है और इसी के चलते राज्य में न सिर्फ कोरोना संक्रमण के नए केस घटे बल्कि रिकवरी रेट में भी सुधार हुआ। लेकिन उत्तराखंड में कोविड से मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से लगातार ऊँची बनी हुई है जो तीरथ सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। देहरादून स्थित एसडीसी फ़ाउंडेशन ने मंगलवार तक के डाटा का विश्लेषण किया जिसमें सामने आया है कि उत्तराखंड में कोविड से मृत्यु दर 1.89 फीसदी है जबकि राष्ट्रीय डेथ रेट 1.15 फीसदी है। राज्य में 25 मई तक कुल 6020 मौतें हुई हैं और राष्ट्रीय औसत मृत्युदर की तुलना में उत्तराखंड में ये 64 फीसदी अधिक है।
एसडीसी फ़ाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार अकेले मई माह के 25 दिनों में राज्य की 56 फीसदी मौतें हुई हैं। यानी 15 मार्च 2020 से 30 अप्रैल 2021 तक 2624 मौतें हुई और मई के 25 दिनों में 3396 लोगों ने कोरोना के चलते जान गँवाई।
सबसे अधिक मौतें मैदानी जिलों में देहरादून में 3011 मौतें, नैनीताल 829 और हरिद्वार में 797 मौतें रिकॉर्ड की गई हैं। जबकि पहाड़ी जिलों में वीवीआईपी जिले पौड़ी में 241, अल्मोड़ा 125 और सीमांत पिथौरागढ़ जिले में 104 कोविड मरीजों ने दम तोड़ा है।
जाहिर है तीरथ सरकार के लिए इस वक़्त सबसे बड़ी चुनौती उत्तराखंड में मृत्युदर देश में दूसरे नंबर पर होना है और ये आंकड़ा सवाल उठाता है राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर क्योंकि हाई डेथ रेट संकेत देता है कि सूबे में मरीजों को कोविड जंग में बचा पाने में नाकाम साबित हो रहा है स्वास्थ्य तंत्र!


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