धामी का दिल्ली दौरा: घोषणा, कमेटियों से आगे जमीन पर कुछ कर दिखाने का बढ़ता दबाव, देवस्थानम बोर्ड पर बुरी तरह घिरे CM राष्ट्रीय नेतृत्व से रायशुमारी करने दौड़े, शाह से मिल कुमाऊं के लिए मांगा एम्स, भगतदा से फिर मिला मार्गदर्शन

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धामी की दिल्ली दौड़ दिखाएगी असर!
भगतदा के गुरुमंत्र से पटरी पर लौटेगा राजकाज

सांसदों के साथ डिनर डिप्लोमेसी कर धामी चाहते दिल्ली में हो मजबूत पैरवी

दिल्ली/ देहरादून: एक ही महीने में जमकर मीडिया मैनेजमेंट और हेडलाइन मैनेजमेंट के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जमीनी मुद्दों पर चौतरफा घिर गए हैं। देवस्थानम बोर्ड, रोजगार, कार्मिक वेतन विसंगति और कुमाऊं में एम्स बनवाने से लेकर आधा दर्जन मसले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नींद उड़ा रहे हैं। नतीजा यह है कि मुख्यमंत्री दोबारा दिल्ली भागे हैं और मोदी-शाह दौर में बेहद ताकतवर समझे जाते एनएसए अजित डोभाल से मुलाकात करते हैं। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह चौहान और उत्तराखंड के सांसदों के साथ मंथन करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण मुलाकात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपने राजनीतिक गुरु और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ रही। महीनेभर में दूसरा संयोग बना है या सायास बनाया गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली दौड़े और उधर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद रहे ताकि धामी को राजकाज चलाने पर नए गुरुमंत्र दिए जा सकें।

दरअसल, चार जुलाई को मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही एक्शन में आए पुष्कर सिंह धामी ने 24 हजार नौकरियाँ बांटने का दम भरा था। अब विपक्ष आक्रामक होकर पूछ रहा कि धामी सरकार बताए कितनी नौकरियां बांट चुके और आचार संहिता से पहले कितने बेरोजगार युवाओं को ज्वाइनिंग लेटर दिला देंगे। रोजगार पर अब कांग्रेस कैंपेन कमेटी चीफ हरदा भी हमलावर हो गए हैं। लेकिन सीएम धामी का दर्द अकेले रोज़गार का मुद्दा नहीं बल्कि देवस्थानम बोर्ड भी दर्द बढ़ा रहा। बोर्ड का विरोध ऐसा हो रहा जैसा त्रिवेंद्र सिंह राज में भी देखने को नहीं मिला था। आज केदारनाथ धाम परिसर में लगातार धरना प्रदर्शन जारी है, पंडा समाज के प्रतिनिधि अपने खून से चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री मोदी को भेज रहे। 17 अगस्त से सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करने की धमकी दी जा चुकी है। रोजगार के मोर्चे पर चार माह में चुनौतियों का पहाड़ चढ़ना होगा जबकि वेतन विसंगति से लेकर
ग्रेड पे पर कार्मिक सरकार पर भन्नाया हुआ है और मुख्यमंत्री ने जिस इंदु कुमार पांडे कमेटी का झुनझुना थमाया था वह भी खटाई में पड़ता दिख रहा क्योंकि पूर्व मुख्य सचिव पांडे हाथ खड़े कर चुके। नौकरशाही पर दिए मैसेज की हवा बनने से पहले ही आईएएस दीपक रावत और पॉवर कपल एपिसोड से निकल गई।हाईकोर्ट की फटकार के बाद मुख्यमंत्री धामी ने एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टरों को 17 हजार स्टाइपेंड का ढिंढोरा पीट दिया लेकिन हेल्थ महकमा अव्वल दर्जे का निकला और मुख्यमंत्री धामी को ही अपने शासनादेश से झूठा साबित करा दिया। लिहाजा अबके अफसरों का अमला लेकर जाने की बजाय राजनीतिक मैनेजमेंट को खुद मुख्यमंत्री दिल्ली दौड़े और अमित शाह, एनएसए से लेकर भगतदा से मुलाकात कर मार्गदर्शन चाहा।

अपने दिल्ली दौरे के दूसरे दिन सीएम धामी ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर कुमाऊं मंडल में एम्स की स्थापना के लिए दखल की मांग की है। सीएम धामी ने कहा कि ऋषिकेश में एम्स स्थापित होने के बावजूद कुमाऊं क्षेत्र के लोगों को सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कुमाऊं मण्डल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना का अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने देहरादून में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना करने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में एम्स की स्थापना के बाद भी कुमाऊं मंडल के दूर दराज के क्षेत्रों में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं का अभाव बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि देश में पहले भी एक राज्य में दो एम्स स्थापित हो चुके हैं। ऐसे में कुमाऊं में नया एम्स खोलने की मंजूरी दी जाए। उन्होंने कहा कि एम्स के लिए राज्य सरकार जमीन उपलब्ध कराने को तैयार है। उन्होंने कहा कि कुमांऊ में एम्स की स्थापना का लाभ यूपी के कई जिलों को भी मिलेगा। उन्होंने गृह मंत्री से दून में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान को मंजूरी देने का अनुरोध भी किया। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के लिए भी सरकार निशुल्क जमीन उपलब्ध कराएगी।


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