5 करोड़ बढ़ाकर होंगे 20 करोड़ रु, सोमवार को कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का जीओ होगा जारी
देहरादून: सियासत में जरूरी नहीं जो बोला जा रहा हो वहीं सच हो! कम से कम पहाड़ पॉलिटिक्स में कद्दावर डॉ हरक सिंह रावत को लेकर तो उसे पुख़्ता तौर पर सच कहा ही जा सकता है। हरक सिंह रावत वही नेता हैं जिन्होंने धारी देवी की क़सम खाकर बहुगुणा सरकार में मंत्री पद को जूते की नोंक पर बताया था और उसके चंद दिनों बाद वे पूरे दमखम के साथ मंत्री बनते हैं और फिर हरीश रावत सरकार में भी 18 मार्च 2016 तक कुर्सी पर क़ाबिज़ रहते हैं।
कुछ इसी अंदाज में शुक्रवार देर शाम कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का जीओ जारी न होने का मुद्दा उठाकर भड़के हरक सिंह कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से उलझ पड़े और फिर ‘मैं इस्तीफा दे रहा हूँ’ की धमकी देकर निकल गए। लेकिन आधी रात होते-होते और फिर सुबह और मजबूती के साथ भाजपा ने दावा कर दिया कि न हरक इस्तीफा दे रहे और न ही कहीं वे जा रहे हैं। यानी शुक्रवार शाम को चढ़ा गुस्सा शनिवार सुबह होते होते काफ़ूर हो गया। साफ़ है जरूरी नहीं डॉ हरक सिंह रावत जो कह रहे हों वह सच ही होने जा रहा हो। इसको दोनों तरह से लिया जा सकता है। एक, ये कि हरक अब इस्तीफा नहीं देंगे न भाजपा छोड़कर जाएंगे। दूसरा ये भी कि आज हरक सरकार से इस्तीफा न देने या भाजपा न छोड़ने का जो सच पार्टी नेतृत्व को समझा रहे हों वह भी नववर्ष में झूठा साबित हो जाए!
वैसे हरक सिंह रावत ने मीडिया के सामने आकर खुलकर अभी भी कुछ नहीं बोला है। यानी उनकी नाराजगी दूर हो पाई इसकी असलियत वही जानते हैं। लेकिन भाजपा नेताओं का दावा है कि अब ‘ऑल इज वेल’ हो गया है क्योंकि हरक सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनेगा और उसके लिए 5 करोड़ रुपए का बजट भी मंजूर कर दिया गया है। बकौल हरक के करीबी बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ के अनुसार सोमवार को मेडिकल कॉलेज का जीओ भी आ जाएगा। फिर चाहे एक जिले में एक ही मेडिकल का मानक हो और विधानसभा में यही दुहाई देते सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत नजर आए हों। आखिर चुनाव सिर पर हैं और हरक की नाराजगी से पड़ने वाले फर्क को लेकर भाजपा दुबला हुई जा रही है।
कहां तो भाजपा कांग्रेस के घर में हरदा वर्सेस प्रीतम की सिर-फुटौव्वल में बढ़-चढ़कर बयानबाज़ी के जरिए पड़ोस में लगी सियासी आग में हाथ ताप रही थी और कहां हरक सिंह रावत ने कैबिनेट में कुरुक्षेत्र शुरू कर सत्ताधारी पार्टी की दुखती रग पर हाथ रख दिया। धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य और नैनीताल से उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य की कांग्रेस में घर वापसी से हिली भाजपा जैसे तैसे राहुल गांधी के दरवाजे पहुँचे रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ को तो वापस खींच लाई लेकिन अब हरक सिंह रावत के तौर पर नया झटका नहीं झेलना चाह रही। यही वजह है कर्मकार बोर्ड से लेकर फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट और धामी मंत्रिमंडल में शपथग्रहण के एवज में ऊर्जा जैसे भारी-भरकम विभाग पाने के बावजूद हरक सिंह रावत की सियासी हसरतें मुकम्मल नहीं हो पा रही। लैंसडौन से अपनी पुत्रवधू के लिए टिकट और खुद के लिए कोटद्वार के अलावा सुरक्षित ठिकाना खोजते बताए जा रहे हरक सिंह चार साल की ख़ामोशी का मानो बदला चुका रहे हैं।
वरना समर्थकों में ‘शेर ए गढ़वाल’ के तौर पर पहचाने जाने वाले हरक सिंह रावत की बोलती त्रिवेंद्र सिंह रावत के चार सालों में आम तौर पर बंद ही रही। फिर चाहे श्रम मंत्रालय में कर्मकार बोर्ड से लेकर तमाम तरह की दख़लंदाज़ी रही हो हरक सिंह रावत बार-बार मन-मसोसते रहे लेकिन मजाल कि कभी सीएम रहते त्रिवेंद्र सिंह रावत से पूछा हो कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज का जीओ कब जारी होगा! जाहिर है जब कभी कर्मकार बोर्ड या फ़ॉरेस्ट विभाग में तबादलों के जरिए CMO की दख़लंदाज़ी पर कुछ कहना भी चाहा तो त्रिवेंद्र रावत ने तवज्जो देना मुनासिब नहीं समझा। लेकिन अब मानक के बावजूद मेडिकल कॉलेज के लिए 1000-1200 करोड़ न सही 5 करोड़ का फंड तो इस्तीफे की धमकी देकर मंजूर करा ही लिया है और बकौल काऊ जीओ सोमवार को जारी हो जाएगा।
सवाल है कि मानक धता बताकर मेडिकल कॉलेज का जीओ जारी हो भी गया तो क्या हरक सिंह रावत भाजपा में बने रहेंगे और कोटद्वार से ही चुनावी ख़म ठोकेंगे? या फिर हरक के आगे बार-बार बेबस नजर आ रही भाजपा उनको चुनाव लड़ने के लिए कोई सुरक्षित और नया ठिकाना देने के साथ-साथ उनकी पुत्रवधू की भी लैंसडौन के चुनावी दंगल में एंट्री करा देगी? जाहिर है इन सवालों के जवाब भाजपा देगी उससे पहले ही जब हरक सिंह रावत मीडिया के सामने अवतरित होंगे तो दे सकते हैं!