देहरादून: सियासत में ख़म ठोककर साम, दाम, दंड, भेद के प्रयोग से अपनी माँगें मनवा लेने का जैसा हुनर डॉ हरक सिंह रावत को आता है, शायद ही किसी दूसरे नेता को आता हो! कोटद्वार मेडिकल कॉलेज को लेकर चले रूठने-मनाने के नाटक का पटाक्षेप जिस अंदाज में हुआ है, इसने फिर साबित कर दिया कि प्रेशर पॉलिटिक्स में ‘हरक इज द बेस्ट’! राजी होने से 24 घंटे पहले शुक्रवार शाम को कैबिनेट में मेज़ पीटते, खुद को ‘भिखारी बना देने’ जैसे जुमलों से गुबार निकालते इस्तीफे की धमकी देकर ‘अन्तर्ध्यान’ से हो गए डॉ हरक शनिवार शाम सीधे सीएम आवास पर पुष्कर सिंह धामी के साथ खाने की मेज़ पर ‘ठहाके’ लगाते नजर आए।
अब ये मेज़बान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा खिलाए-पिलाए गए खान-पान-पकवान का लजीजपन था या फिर ‘शेर ए गढ़वाल’ पर कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए पांच करोड़ 25 करोड़ में तब्दील होने का असर कि उन्होंने एक झटके में दिल उड़ेल दिया। अपनी रों में बहते गए डॉ हरक ने सीएम
पुष्कर सिंह की तारीफ में ऐसी ‘धामी चालीसा’ पढ़ी कि मानो ‘भूतों न भविष्यति’!
आप खुद देखिए हरक का अंदाज ए बयां
देखा आपने कैसे डॉ हरक सिंह रावत ने जमकर युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ में कशीदे पढ़ दिए हैं। कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा, ‘मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मेरे छोटे भाई हैं और मेरा आशीर्वाद हमेशा उनके साथ है।’
हरक ने कहा कि सीएम धामी युवाओं, महिलाओं और कमजोर तबक़ों के लिए काम कर रहे उससे फिर भाजपा की सरकार आएगी। हरक ने कहा,’ धामी ने हर मुश्किल वक्त में मेरा साथ दिया है, उनका अहसान है मेरे ऊपर, मेरी धारी माँ से उनके नेतृत्व में सरकार लौटने की कामना करता हूँ। उनके ह्रदय में दया है, करुणा है गरीबों के लिए। राज्य को पहली बार ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जिसके अंदर मानवता है, दया है और करूणा है गरीबों के लिए। मेरे छोटे भाई की पूर्ण बहुमत की सरकार बने इस बड़े भाई की यही कामना है।’
अब जब 24 घंटे तक गायब रहने और फोन बंद रखने के बाद प्रकट हुए हरक ने कहा,’ मैं बहुत दुखी था, क्योंकि साढ़े 4 साल में मेडिकल कॉलेज नहीं बना पाया लेकिन अब मुझे मुख्यमंत्री से आश्वासन मिल गया है कि सरकार प्राथमिकता से मेडिकल कॉलेज बनवाएगी।