दिल्ली: मद्रास हाइकोर्ट फटकार के बाद छवि धूमिल होने का दर्द लिए फिर रहे चुनाव आयोग के देश की शीर्ष अदालत से भी भारत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दो टूक कहा कि मीडिया को अदालती कार्यवाही में की जाने वाली टिप्पणियों की रिपोर्टिंग से नहीं रोका जा सकता है. पीटीआई न्यूज एजेंसी के अनुसार कोर्ट ने सोमवार को आयोग की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मीडिया लोकतंत्र में एक पॉवरफुल वॉचडॉग की भूमिका में होता है और उसे उच्च अदालतों में सुनवाई की रिपोर्टिंग से नहीं रोका जा सकता है.
अदालत ने ये भी कहा कि हाई कोर्ट लोकतंत्र के अहम स्तंभ हैं और उनको हतोत्साहित नहीं किया जा सकता है.
ग़ौरतलब है कि शनिवार को चुनाव आयोग मद्रास हाईकोर्ट की दूसरी लहर के लिए इकलौती संस्था के तौर आयोग को ज़िम्मेदार ठहराने वाली टिप्पणी को गैर-वाजिब और छवि खराब करने वाली बताकर सुप्रीम कोर्ट पहुँचा था. इससे पहले आयोग फटकार लगाने के बाद यही फ़रियाद लेकर मद्रास हाइकोर्ट भी गया था लेकिन राहत नहीं मिलने पर शीर्ष अदालत पहुँचा.

दरअसल मद्रास हाईकोर्ट ने एक सीट पर मतगणना को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट ने यहाँ तक कहा कि रैलियों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करा पाने वाले आयोग के अफसर दूसरी लहर के लिए ज़िम्मेदार हैं और उन पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए. इसी टिप्पणी की मीडिया कवरेज से अपनी छवि ख़राब होने का दर्द लिए आहत आयोग कोर्ट कोर्ट भटक रहा लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिल पाई है.