Maharashtra Shiv Sena Political Crisis, Uddhav versus Shinde: महाराष्ट्र में शिवसेना से एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत के बाद छिड़े सियासी संग्राम के जल्द पटाक्षेप होता नहीं दिख रहा है। असम की राजधानी गुवाहाटी में बागी विधायकों के साथ बैठकर शिंदे ने अपने गुट का नाम ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’ रखकर शिवसेना प्रमुख उद्धव पर वार किया तो अब ठाकरे ने पलटवार किया है। उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को खरी खोटी सुनाते हुए कहा है कि अगर शिंदे में दम है तो अपने बाप के नाम पर वोट मांगकर दिखाएं। अब तक उन्हें शिवसेना और बाला साहेब ठाकरे के नाम पर वोट मिला है।
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हमलावर उद्धव ठाकरे ने बागी नेता एकनाथ शिंदे को निशाने पर लेते हुए कहा कि हमने शिंदे को बड़ी जवाबदारी दी थी। उद्धव ने कहा कि शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की थी और उन्हीं की रहेगी, अगर शिंदे में दम है तो मेरे पिता नहीं बल्कि अपने पिता के नाम पर वोट मांगकर दिखाओ। एकनाथ पहले नाथ थे अब दास हो गए हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के लिए लड़ती रहेगी।
कार्यकारिणी में 3 प्रस्ताव पास
- पार्टी में निर्णय लेने के सभी अधिकार उद्धव ठाकरे को दिए गए।
- शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे के नाम का उपयोग कोई नहीं कर सकता।
- पार्टी से बगावत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का पूरा अधिकार पार्टी प्रमुख को।
दरअसल महाराष्ट्र की सियासत के इस बवंडर में अपनी पार्टी शिवसेना को बचाने को जूझ रहे उद्धव ठाकरे ने आज शिवसेना भवन में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। इस बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए पार्टी के सभी फैसले लेने के अधिकार उद्धव ठाकरे को दिए गए। वहीं एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे के दफ्तर में तोड़फोड़ से लेकर कई बागी विधायकों के ठिकानों आदि को शिवसैनिक निशाना बना रहे हैं।
जबकि शिवसेना ने बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की अर्जी डिप्टी स्पीकर से लगा दी है जिसके बाद आज 16 विधायकों को नोटिस भेज दिया गया है। इस नोटिस का जवाव सोमवार शाम 5 बजे तक अपने आधिकारिक ईमेल आईडी से देना होगा और अगर जवाब नहीं देते हैं तो उन्हें हाजिरी लगानी पड़ेगी।