
- 19 जिलों में अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर), बालोतरा (बाड़मेर), ब्यावर (अजमेर), डीग (भरतपुर), डीडवाना-कुचामनसिटी (नागौर)
- दूदू (जयपुर), गंगापुर सिटी (सवाईमाधोपुर), जयपुर-उत्तर, जयपुर-दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी (अजमेर)
- कोटपूतली-बहरोड़ (जयपुर), खैरथल (अलवर) नीम का थाना (सीकर), फलोदी (जोधपुर), सलूंबर (उदयपुर), सांचोर (जालोर) और शाहपुरा (भीलवाड़ा) नया जिला बनाया गया।
Rajasthan new districts politics of CM Ashok Gehlot: राजस्थान में इस साल के आखिर तक मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ साथ विधानसभा के चुनाव होने हैं। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के हटकर राजस्थान की जनता का सियासी मिजाज रहा है कि यहां सालों से किसी भी दल ने सत्ता में लगातार लौटकर नहीं दिखाया हैं। अब इसी सियासी मिथक से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सामना होना है। लिहाजा चुनावी कुरुक्षेत्र में उतरने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने, जिन्हें राजस्थान की सियासत का जादूगर भी कहा जाता है,नए जिलों का दांव खेल दिया है।
सीएम अशोक गहलोत ने सियासी ट्रंप कार्ड खेलते हुए प्रदेश में 19 नए जिलों के साथ 3 नए संभाग बनाने का एलान कर दिया है जिसके बाद अब राजस्थान में जिलों की संख्या 50 और 10 संभाग हो गए हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विधानसभा में नए जिलों का एलान किया। नए तीन संभागों में बांसवाड़ा, पाली और सीकर शामिल हैं।
विधानसभा में बजट पर बहस करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने एलान किया कि नए बनाए 19 जिलों और तीन संभागों की जरूरतों की पूर्ति के लिए 2000 करोड़ रु का वित्तीय प्रावधान किया गया है।
अशोक गहलोत के एलान के अनुसार अब राजधानी वाले जयपुर जिले को चार जिलों में बांट दिया गया है। सीएम कi घोषणा के अनुसार जयपुर जिले को जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू और कोटपूतली यानी चार जिलों में बांट दिया गया है। जबकि सीएम गहलोत के गृह जिले जोधपुर को भी जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम और फलोदी यानी तीन जिलों में बांट दिया गया है।
वहीं श्रीगंगानगर जिले से अनूपगढ़ नया जिला बनाया गया है। इसी तरह बाड़मेर से नया जिला बालोतरा, अजमेर से दो नए जिले ब्यावर और केकड़ी बनाए गए हैं। जबकि भरतपुर से नया जिला डीग, नागौर से नया जिला डीडवाना-कुचामनसिटी, सवाईमाधोपुर से नया जिला गंगापुर सिटी और अलवर जिले को तोड़कर खैरथल, सीकर से नीम का थाना, उदयपुर से सलूंबर, जालोर से सांचोर और भीलवाड़ा से काटकर शाहपुरा को नया जिला बनाया गया है।
घोषणा में तीन नए संभाग मुख्यालय बनाए गए हैं। सीकर, पाली और बांसवाड़ा।
नए जिलों के गठन को लेकर सरकार को सुझाव देने के लिए रिटायर्ड IAS रामलुभाया की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी का कार्यकाल हाल ही में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया था। कार्यकाल विस्तार के बाद लोगों को लगने लगा था कि अब संभवतया नए जिलों का मामला अगली सरकार के पाले में चला जायेगा लेकिन सीएम अशोक गहलोत ने आज बड़ा दांव खेल दिया।
ज्ञात हो कि राजस्थान में इससे पहले 26 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ को राजस्थान का 33वां जिला बनाया गया था। उसके बाद से जिलों की मांग जरूर उठती रही लेकिन जिले बनाने का दांव चला अब डेढ़ दशक बाद सीएम अशोक गहलोत ने ही।
बड़ा सवाल है कि अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट के दो पाटों में पिस रही सत्ताधारी कांग्रेस राजस्थान के रण में सरकार बचाकर सालों से चले आ रहे बारी बारी सरकार में भागीदारी के मिथक को तोड़ पाएगी? अब इस दिशा में अशोक गहलोत ने एक और दांव चल जरूर दिया है लेकिन क्या राजस्थान की जनता “जादूगर” के इस “जिला जाल” से समोहित हो पाएगी?