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ADDA ANALYSIS शपथग्रहण के साथ ही दिखने लगी दरारें! मंत्रीपद से चूके चुफाल का सीएम के लिए सीट छोड़ने से इंकार, हरकी पैड़ी पर कौशिक रहे नदारद, नुमाइंदी में असंतुलन, विभाग बंटवारे की एक्सरसाइज करनी होगी संभलकर, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के नाम

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इस खबर के बुलेट पॉइंट्स

  • आज 4:30 बजे होगी धामी कैबिनेट की पहली बैठक
  • विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन प्रक्रिया आज से शुरू
  • कल दोपहर तक नामांकन, शनिवार को स्पीकर के लिए चुनाव
  • सोमवार से शुरू हो सकता है तीन दिवसीय विधानसभा सत्र
  • स्पीकर बनेंगी ऋतु खंडूरी, डिप्टी स्पीकर के लिए खजानदास की चर्चा
  • सीएम धामी आज बांट पाएंगे अपने मंत्रियों को विभाग?

देहरादून: धानी कैबिनेट की पहली बैठक आज 4:30 बजे विधानसभा में होगी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में चुनावी वायदे के अनुसार पहला फैसला यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) पर ले सकते हैं। इस मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी, जैसा कहा गया था। कैबिनेट बैठक में विधानसभा के सत्र की तारीखों का ऐलान भी किया जाना है क्योंकि सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष के आखिरी दिन यानी 31 मार्च से पहले अपना बजट या लेखानुदान लेकर आना है। बताया जा रहा है कि सरकार 4 हजार करोड़ रु का लेखानुदान लेकर आ सकती है और पूरा बजट अप्रैल में लाया जा सकता है। कैबिनेट में लेखानुदान प्रस्ताव पर भी मुहर लगा सकती है।

माना जा रहा है कि सोमवार 28 मार्च से 3 दिवसीय सत्र आहूत किया जा सकता है। इससे पहले 26 को नए विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव भी कर लिया जाना है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री रेस और मंत्रिमंडल में जगह पाने में पिछड़ गई ऋतु खंडूरी को स्पीकर बनाया जाएगा। जबकि खजानदास का नाम डिप्टी स्पीकर के लिए चर्चा में है। देखना होगा कि क्या पहली कैबिनेट बैठक में महिलाओं के साल में तीन सिलेंडर मुफ्त देने का चुनावी वादा भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निभा सकते हैं। लेकिन सबकी नज़रें यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड पर ऐलान पर ही रहने वाली हैं।

धामी कैबिनेट के चेहरों से कितने समीकरण सधेंगे?

नौ सदस्यीय धामी कैबिनेट में तीन ठाकुर चेहरे, तीन ब्राह्मण चेहरे और दो दलित व एक वैश्य चेहरे को जगह देकर सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश की गई है। हालाँकि हरिद्वार और पिथौरागढ़ जैसे अहम जिलोें की सरकार में भागीदारी न होना क्षेत्रीय असंतुलन की तरफ इशारा करता है। छह में से पांच विधायक जीतने के बावजूद बंशीधर भगत के आउट होते ही नैनीताल जिला भी चूक गया तो रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली और चंपावत को भी सरकार में जगह नहीं पाई। हालाँकि अब तीन खाली पद और तेरह तलबगार वाले हालात में एक चौथाई कैबिनेट की कुर्सी कब तक भरेंगी इसका इंतजार लंबा भी हो सकता है!

मदन कौशिक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष होने के साथ-साथ हरिद्वार से स्थानीय विधायक भी हैं लेकिन शपथग्रहण के बाद मुख्यमंत्री धामी सीधे हरकी पैड़ी पहुँचे तो कौशिक की गैर-मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही। कैबिनेट से चुके एक और दावेदार बिशन सिंह चुफाल का दर्द तो खैर धामी सरकार के शपथग्रहण के तुरंत बाद ही छलक गया। चुफाल ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अपनी पटरी न बैठ पाने और खेमेबाज़ी से दूर रहने को मंत्रीपद न मिलने की वजह बताया है। चुफाल ने अपनी डीडीहाट सीट भी मुख्यमंत्री के लिए छोड़ने से साफ इंकार कर दिया है।

जाहिर है चुफाल की ताजा नाराजगी को दूर कर पार्टी रणनीतिकार धामी के लिए सेफ सीट डीडीहाट खाली करा लेंगे लेकिन चुफाल का छलका दर्द संकेत है कि पुष्कर की राह आसान नहीं रहने वाली है। वैसे धामी के लिए असल परीक्षा अपने मंत्रियों में विभागों का बँटवारा करने की रहने वाली है। क्या मुख्यमंत्री पांच मंत्रियों को पुराने विभाग ही देंगे और तीन नए मंत्रियों को हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य के विभागों सहित कुछ और विभाग देंगे? या फिर नए सिरे से मंत्रियों के विभागों का बँटवारा होगा? मुख्यमंत्री धामी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तर्ज पर अधिकतर मलाईदार विभाग अपने कलेजे से लगाकर रखेंगे या फिर मंत्रियों को दमखम दिखाने का पूरा मौका देंगे यह देखना होगा। विभागों और अधिकारियों को लेकर ही टीएसआर राज में सतपाल महाराज से लेकर कई मंत्रियों की पहली नाराजगी झलकी थी।

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The News Adda

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