अड्डा SUPER EXCLUSIVE: त्रिवेंद्र-तीरथ की तर्ज पर भारी विभाग क़ब्ज़ा कर नहीं बैठेंगे धामी, वरिष्ठ मंत्रियों को मिलेंगे एडिशनल विभाग, CM रहेंगे इलेक्शन मोड में

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
TheNewsAdda

देहरादून: शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर शासन में CS ओपी जैसे बरगद को गिराकर उनकी जगह एसएस संधू की ताजपोशी के ज़रिए तगड़ा मैसेज दे चुके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को दूसरा मास्टरस्ट्रोक खेलने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि शाम तक सीएम धामी अपने मंत्रियों को विभाग बांट देंगे। The News Adda को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक़ मुख्यमंत्री धामी विभाग बंटवारे पर होमवर्क कर चुके हैं और भारी-भरकम विभाग क़ब्ज़ाए रखने के मोह में फंसने की बजाय मॉनिटरिंग पर ज्यादा फोकस रखेंगे।

The News Adda के विश्वस्त सूत्रों ने खुलासा किया है कि धामी मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों को पुराने विभागों के अलावा एक से दो और एडिशनल भारी-भरकम विभाग दिए जा रहे हैं। सूत्रों ने खुलासा किया है कि इन महत्वपूर्ण एडिशनल विभाग/विभागों को लेकर मुख्यमंत्री मंत्रियों के साथ मंथन भी कर चुके हैं। सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य सहित वरिष्ठ मंत्रियों का वज़न बढ़ाया जाएगा ताकि उनके अनुभव का लाभ लेते हुए धामी सरकार चुनावी साल में धरातल पर डिलिवरी दे सके।


The NEWS ADDA सूत्रों ने खुलासा किया है कि सीएम धामी अपने पूर्ववर्ती तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरह बड़े विभागों को अपने क़ब्ज़े में ही रखने की नीति पर नहीं चलेंगे बल्कि अपना बोझ हल्का रखते हुए टीम धामी से रिजल्ट लेंगे और खुद इलेक्शन मोड में रहेंगे। CM PSD की नजर 2022 की चुनावी बैटल में रिजल्ट देकर लंबी पारी खेलने पर रहेगी क्योंकि बीजेपी आलाकमान ने 45 साल के युवा चेहरे पर दांव लगाकर वरिष्ठों को संदेश दे दिया है कि पार्टी भविष्य के नेतृत्व निर्माण को लेकर आगे बढ़ चुकी है।
ज्ञात हो कि टीएसआर- एक से टीएसआर-दो के साढ़े 4 साल में अधिकतर समय हेल्थ , PWD, ऊर्जा, उद्योग, वित्त, गृह, आबकारी, खनन, चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभाग मुख्यमंत्रियों के क़ब्ज़े में ही रहे।
हालत ये रही कि अपने 115 दिन के अल्प कार्यकाल में सीएम रहते तीरथ अपने सभी विभागों की समीक्षा तक भी नहीं कर पाए होंगे। अब सीएम पुष्कर सिंह धामी इस परिपाटी को तोड़ेंगे और विभागों का भारी बोझ अपने ऊपर न रखकर कैबिनेट सहयोगियों में बांटेंगे ताकि नाराजगी भी न रहे और सीएम खुद पत्रावलियों में ही उलझकर न रहते हुए चुनावी मोर्चाबंदी में लीड कर सकें।


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