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चारों सेट में प्रश्न, ऑप्शन सबका एक क्रम , क्या ‘सेट’ था पेपर? बॉबी पंवार ने आज हुई कनिष्ठ सहायक परीक्षा पेपर पर किया बड़ा खुलासा, निशाने पर UKPSC और धामी सरकार

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  • रविवार को कनिष्ठ सहायक परीक्षा में बैठे एक लाख 14 हजार अभ्यर्थी
    UKPSC ने कराई 445 पदों के लिए 412 केंद्रों पर परीक्षा
    1 लाख 45,239 अभ्यर्थी थे रजिस्टर्ड, 1 लाख 14,052 (78 प्रतिशत) ने दी परीक्षा
  • लेकिन कनिष्ठ सहायक परीक्षा भी सवालों के घेरे में
  • कनिष्ठ सहायक परीक्षा पर बॉबी पंवार का बड़ा खुलासा
  • UKPSC के कर्ताधर्ता एक भी परीक्षा पारदर्शी तरीके से नहीं करा पाए, नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें
  • प्रश्नपत्रों के चारों सेटों में एक ही क्रम में एक जैसे प्रश्न, ऑप्शन भी एक समान
    बॉबी पंवार का आरोप चारों सेटों में 1 से लेकर 100 तक एक जैसे प्रश्न, ऑप्शन बड़ी गड़बड़ी का संकेत
  • STF और SIT के भरोसे जांच संभव नहीं
  • पटवारी भर्ती परीक्षा का दोबारा हुआ पेपर भी लीक था, ये मेरा आरोप है जांच की जाए: बॉबी पंवार
  • पुलिस के पेपर में भी गड़बड़ी की रही शिकायतें, उच्च पदस्थ लोग संलिप्त होंगे तब एसटीएफ, एसआईटी कैसे करेगी निष्पक्ष जांच?
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Uttarakhand Junior Assistant Exam News: रविवार 5 मार्च को एक लाख 14 हजार अभ्यर्थियों ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) द्वारा संपन्न करवाई गई कनिष्ठ सहायक परीक्षा दी। सरकार और पुलिस प्रशासन ने दावा किया कि 445 पदों के लिए 412 केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई।

लेकिन उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा, “भारत के इतिहास में पहली बार एक परीक्षा के अलग-अलग पेपर सेट होने के बाबजूद प्रश्न नम्बर 01 से लेकर 100 तक सभी प्रश्न एक समान क्रम में थे। साथ ही उन्हीं प्रश्नों के उत्तरों की श्रृंखला भी 01 से लेकर 100 तक समान थी। जिससे कि यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किन विशेष व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस प्रकार की नीति अपनाई गई।”

बॉबी पंवार ने यह भी आरोप लगाया है कि कई जगहों पर प्रश्नपत्र बुकलेट की सील टूटे होने के साक्ष्य भी मिले हैं और कई अभ्यर्थियों के पेपर में सील तक नहीं थी। पंवार ने यह भी आरोप लगाया कि इतना ही नहीं एक अभ्यर्थी ने फोन कर सूचना दी है की उसके आगे वाली सीट पर बैठे अभ्यर्थी की ओएमआर की छायाप्रति भी गायब थी। साथ ही कई अभ्यर्थियों के प्रश्न पुस्तिका क्रमांक तथा उत्तर पुस्तिका क्रमांक अलग अलग थे जो कि हमेशा समान होते हैं।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ का कहना है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, सचिव और समस्त स्टाफ को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा चाहिए क्योंकि UKPSC के ये तमाम पदाधिकारी एक भी परीक्षा पारदर्शी तरीके से नहीं करा पाए। संघ ने कहा,” प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी जी को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए जो जांच करवाने की बजाय आभार रैलियों में स्कूल के बच्चों को भीड़ का हिस्सा बना रहे हैं।”

इस दौरान बॉबी पंवार, नितिन दत्त, रमेश चौहान, सुशील कैंतुरा, हिमांशु, सचिन खन्ना, ऋतु परी, मिनाक्षी चौहान, संदीप कंडारी, अमन चौहान, अनिल, नवीन, आयुष राणा, संदीप चौहान आदि लोग उपस्थित थे।

आयोग का अब ये जवाब आया है कि परीक्षा की समाप्ति के बाद यह जानकारी मिली है कि A,B,C और D के सभी सेट में प्रश्नों का सीरीज के था लेकिन इससे परीक्षा की शुचिता किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं हुई है।

तो क्या पहले UKSSSC ने पेपर लीक और तमाम तरह की परीक्षा धांधलियों के चलते अपनी साख खोई और अब UKPSC हुई उसी राह पर है? अब यह तो जांच का विषय है कि कनिष्ठ सहायक परीक्षा में चारों सेट के प्रश्न एक क्रम में होने के पीछे असल वजह क्या थी और इसका जिम्मेदार कौन है?

लेकिन इतना तय है कि किसी परीक्षा के चार सेट A, B, C और D हों लेकिन जब एग्जाम हो तब चारों सेट एक जैसे हों तब अनियमितता हुई है इससे इंकार कौन कर सकता है भला!

सवाल है कि आखिर उत्तराखंड के इतिहास में पहले इस तरह कब कब हुआ क्या कोई इसका जवाब खोज कर दे सकता है?

जाहिर है ऐसा पहले कभी नहीं देखने में आया है कि चार सेट में प्रश्नपत्र हों और सबका क्रम एक ही हो।

क्या पटवारी लेखपाल और JE/AE परीक्षा के पेपर लीक कांडों से आयोग ने कोई सबक नहीं लिया?

आखिर क्या UKPSC ने भी UKSSSC की तरह ही अपनी स्थिति नहीं बना ली है कि हर परीक्षा के बाद उसकी कोई ना कोई चूक सामने आ जाती है और अभ्यर्थियों और अभिभावकों का भरोसा उठने का एक और नया कारण मिल जाता है?

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