धामी ने जो कहा कर दिखाया: ‘उत्तराखंड की मातृशक्ति के हितों के संरक्षण और संवर्धन को मेरी सरकार प्रतिबद्ध’, आरक्षण विधेयक विधानसभा में पेश

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Uttarakhand Women Horizontal Reservation Bill is in the Assembly, CM Dhami Committment: उत्तराखंड मूल की महिलाओं को राज्य सरकार की सेवाओं में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर समय समय पर उठने वाले कोर्ट कचहरी के बाद विवाद और फैसलों से पैदा होने वाले झंझट से निजात को लेकर धामी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

धामी सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन उत्तराखंड की महिलाओं को राज्य सरकार के अधीन सेवाओं में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण संबंधी विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है। माना जा रहा है कि बुधवार को विधेयक पारित हो सकता है जिसके बाद राजभवन के रास्ते यह कानूनी शक्ल अख्तियार कर लेगा जिससे राज्य की महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। 

ज्ञात हो कि यह सीएम पुष्कर सिंह धामी का कमिटमेंट था कि प्रदेश की मातृशक्ति को राज्य सरकार की सेवाओं में मिल रहे आरक्षण पर आंच नहीं आने दी जाएगी। फिर चाहे हाई कोर्ट द्वारा 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर रोक के बाद सीएम धामी के निर्देश पर त्वरित राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना रहा हो या फिर अब स्थाई कानूनी समाधान के लिए विधानसभा में विधेयक पेश करना हो, इस मुद्दे पर  सरकार ने गंभीरता से एक्शन लेती नजर आई है। 

विधानसभा में विधेयक पेश होने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने खुशी जताते हुए कहा है कि उनकी सरकार मातृ शक्ति के अधिकारों को लेकर प्रतिबद्ध है। 

हमारी सरकार उत्तराखंड की मातृशक्ति के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। राज्याधीन सरकारी सेवाओं में उनके 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को संरक्षित करने के लिए हमने राज्य की महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए विधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया है, ताकि उनके हितों का समुचित संरक्षण हो सके।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड


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