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हरक खेल रहे प्रेशर पॉलिटिक्स का डबल गेम? इधर कल सुबह 11 बजे कांग्रेस ज्वाइन करने का माहौल, उधर आज रात काऊ के साथ अमित शाह से मुलाकात का इंतजार, चुनावी मौसम वैज्ञानिक के चक्रव्यूह में उलझी भाजपा भी कांग्रेस भी

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देहरादून/दिल्ली: मामला हरक सिंह रावत से जुड़ा हो और आसानी से उसका पटाक्षेप हो जाए यह भला कहां संभव हो सकता है! लिहाजा अगर क़िस्सा हरक का है तो इसे दो पार्ट में समझने की कोशिश करते हैं।

पार्ट:1

उत्तराखंड की राजनीति के सबसे सटीक चुनावी मौसम वैज्ञानिक बन चुके डॉ हरक सिंह रावत का अगला कदम क्या होगा इसका अंदाज़ा न भाजपाईयों को है और ना ही कांग्रेसी नेताओं को! पक्के तौर पर तो हरक सिंह रावत के साथ दिल्ली पहुंचे उमेश शर्मा काऊ को भी नहीं पता कि हरक का अगला कदम क्या होगा! एक तरफ उनके करीबी दावा कर रहे हैं कि हरक सिंह रावत कल सुबह 11 बजे कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। इस जानकारी को कुछ कांग्रेसी भी दुरुस्त बता रहे हैं और उनका तो यहाँ तक दावा है कि इस समय हरक सिंह रावत न केवल कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं बल्कि उन्हीं की रेंज में दिल्ली में एक अज्ञात स्थान पर ठहरे भी हुए हैं और काऊ भी साथ है।

एक तेज़तर्रार कांग्रेसी नेता ने दावा किया है कि सोमवार सुबह 11 बजे हरक सिंह रावत काग्रेस ज्वाइन करेंगे और पिछली बार की तरह आर्य पिता-पुत्र की ज्वाइन के समय कांग्रेसी कैंप तक आकर भाग खड़े हुए काऊ भी नहीं चूकेंगे। दावा यहाँ तक है कि हरक की तीन सीट की डिमांड की जगह कांग्रेस ने दो सीट ऑफ़र कर दी हैं। हरक सिंह रावत के लिए डोईवाला सीट और उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुंसाई के लिए लैंसडौन सीट। जाहिर है हरक सिंह को कांग्रेस से इससे बड़ा गिफ्ट और क्या चाहिए क्योंकि अगर ऐसा हो गया तो मौजूदा वक्त के दोनों बड़े सियासी दुश्मनों से दो-दो हाथ करने की मुराद पूरी हो जाएगी।

पार्ट 2

कहते हैं न मामला अगर हरक सिंह रावत का है तो किसी भी तरह के उलटफेर या उलटबांसी के लिए भी तैयार रहना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो फिर चंद दिनों पहले युवा सीएम धामी की डिनर डिप्लोमेसी के मुरीद हुए ‘बड़े भाई’ ने ‘छोटे भाई’ को दोबारा सरकार बनने से लेकर न जाने क्या क्या आशीर्वाद दे दिए थे। लेकिन अब हालात बन रहे कि खबरें भाजपा को नमस्ते कहने की आ रही। लेकिन कहानी के पहले हिस्से में जहां बात कांग्रेस ज्वाइन करने की हो रही तो कहानी के दूसरे हिस्से में ट्विस्ट भी है।
ट्विस्ट ये है कि हरक सिंह रावत के साथ उमेश शर्मा काऊ कांग्रेस ज्वाइन करने नहीं गए हैं बल्कि उनको समझा-बुझाकर रखने का ज़िम्मा संभाल रहे हैं। यानी कि हरक अगर कांग्रेस में जाने की ग़लती करते भी हैं तो काऊ उनको रोक लेंगे। दूसरा यह भी दावा है कि हरक सिंह रावत ये कांग्रेस में जाने का हल्ला सिर्फ इसलिए भी उड़ने देना चाहते हैं ताकि भाजपा उनकी तीन टिकट की डिमांड पूरी करे। मतलब हरक प्रेशर पॉलिटिक्स खेल रहे हैं और किसी भी क़ीमत पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से आज रात्रि या कल सुबह तक मुलाकात कर कम से कम अपने लिए सुरक्षित सीट और बहू के लिए लैंसडौन सीट पक्की कर लेना चाहते हैं।
साफ है हरक सिंह रावत प्रेशर पॉलिटिक्स खेल अपनी राजनीतिक मांग पूरी करा लेना चाहते हैं और प्रेशर पॉलिटिक्स खेलने के लिये इस टाइमिंग को परफ़ेक्ट मान रहे हैं क्योंकि यूपी में भाजपा की हालत इस वक्त खराब है। हरक इसका किसी भी क़ीमत पर फायदा उठा लेना चाह रहे हैं।

सवाल है कि क्या हरक सिंह रावत का प्रेशर पॉलिटिक्स का डबल गेम कामयाब हो पाएगा?
जाहिर है मामला हरक सिंह रावत से जुड़ा है लिहाजा कुछ भी हो सकता है और कल क्या होगा यह तो आने वाला कल बताएगा लेकिन एक नेता ने हरक की हालत देखकर कहा है कि कहीं ऐसा न हो जाए,

‘न खुदा ही मिला न विसाल ए सनम!’

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