तो क्या उत्तराखंड विधानसभा चुनाव टलेंगे या लगेगी मोदी-राहुल-केजरीवाल की रैलियों-रोड शो पर रोक? ओमीक्रॉन का बढ़ता खतरा, नैनीताल हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को भेजा नोटिस, 3 जनवरी को सुनवाई

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नैनीताल: ओमीक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच जिस तरह से देश में कोरोना के मामलों ने रफ्तार पकड़ी है, उसके बाद पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को समय पर कराने को लेकर भी अटकलें शुरू हो गई हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट केन्द्रीय निर्वाचन आयोग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यूपी चुनावों को टालने का मशविरा दे चुका है जिसके बाद चुनाव आयोग हालात की समीक्षा को एक दौर की बैठक केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ कर चुका है और अगले हफ्ते फिर बैठक कर समीक्षा होगी। इसी बीच बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी एक याचिका की सुनवाई करते हुए केन्द्रीय निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है।

दरअसल, हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव स्थगित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जनवरी को है।

ज्ञात हो कि अधिवक्ता शिव भट्ट ने पहले से हाईकोर्ट में विचाराधीन सचिदानन्द डबराल व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया सम्बन्धी जनहित याचिका में अपना प्रार्थना पत्र पेश किया। याचिका में कोर्ट के आदेशों के विपरीत राजनीतिक दलों द्वारा कोविड प्रोटोकॉल को धता बताते हुए की जा रही चुनावी रैलियों की तस्वीरें संलग्न कहा है कि इन रैलियों से कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी आशंका है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन चुनावी रैलियों में कोविड के नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है और यह सब कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच हो रहा है। याचिका में कोरोना के नए वैरियंट ओमीक्रॉन का जिक्र करते हुए यह कहा गया है कि यह कोविड के किसी भी अन्य वैरियंट की तुलना में 300 फीसदी से ज्यादा तेजी से फैल रहा है और ऐसे में लोगों के जीवन की रक्षा के लिए जरूरी है कि भारी भीड़भाड़ वाली चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं से बचा जाए।
हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत इस प्रार्थना पत्र में तमाम राजनीतिक दलों को निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें ताकि कोरोना संक्रमण का खतरा न बढ़े।

साथ ही हाइकोर्ट से नए साल के जश्न के दौरान होने वाली पार्टियों पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा है कि विधानसभा चुनाव स्थगित किए जाएं और इस संबंध में चुनाव आयोग को निर्देश दिए जाएं। मामले में कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी करते हुए जवाब पेश करने को कहा है।

जाहिर है 2022 की चुनावी बैटल जीतने को सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक रखी है तो वहीं नए खिलाड़ी के तौर पर विकल्प बनने उतरी आम आदमी पार्टी भी ताल ठोक रही है। इन दलों की रैलियों और रोड शो में खूब भीड़ उमड़ रही है। जिस पर अब हाइकोर्ट ने संज्ञान ले लिया है।ज्ञात हो कि हल्द्वानी में प्रधानमंत्री मोदी की गर्जना है तो उससे पहले 16 दिसंबर को राहुल गांधी की देहरादून में बड़ी रैली हो चुकी है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल भी रैली-रोड शो कर भीड़ जुटा रहे।


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