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रैथल में धूमधाम से मनाया गया सेलकु पर्व: पारंपरिक सेलकु पर्व रैथल गांव में आयोजित, समेश्वर देवता को अर्पित किए बुग्यालों से लाए गए फूल

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उत्तरकाशी( पंकज कुशवाल): शुक्रवार और शनिवार को रैथल में पारंपरिक सेलकु मेले का आयोजन किया गया। ऊंचे बुग्यालों से लाए गए ब्रह्मकल समेत विभिन्न प्रजातियों के फूलों को आराध्य देवता समेश्वर को अर्पित कर ग्रामीण रासौ तांदी के साथ सेलकु पर्व के उल्लास में झूमे। दो दिन तक चले प्रकृति, लोक देवताओं और ग्रामीणों के इस साझा उत्सव में आस पास अए ग्रामीणों ने भी शिरकत की


सर्दियों की दस्तक का स्वागत और हरियाली को विदाई देने का ऐसा ही अनूठा त्यौहार है सेलकु। पहाड़ों में एक कहावत है कि हरियाली मैदान से शुरू होती है और सूखापन बुग्यालों से। बुग्यालों के आधार शिविर गांवों में अनूठी परंपरा है कि जब सर्दियां अपनी दस्तक देने लगती है और पहाड़ बुग्याल अपनी हरी रंगत छोड़ पीले दिखने शुरू होते हैं तो ठीक इन दिनों के बीच ही ग्रामीण उंचे बुग्यालों में उगने वाले रंग बिरंगे फूलों को तोड़कर गांव तक लाते हैं और उसे अपने आराध्य देवताओं को अर्पित करते हैं। यह सिर्फ फूल अर्पित करने भर की रस्म-अदायगी नहीं होती है बल्कि पूरे दिन व रात भर पारंपरिक लोक नृत्यों, देव नृत्यों, लोक देवताओं के आर्शीवाद का एक महा उत्सव होता है।


शुक्रवार को रैथल गांव में सेलकु पर्व का आयोजन किया गया। बुग्यालों से लाए गए फूलों की चादर पंचायती चौक में बिछाई गई जिसके उपर से क्षेत्र के आराध्य समेश्वर देवता की डोली गुजरने के बाद इन फूूलों को ग्रामीण प्रसाद स्वरूप घर लेकर गये। वहीं, सेलकु मेले में ग्रामीणों ने पारंपरिक रासौं तांदी का भी आयोजन किया। बड़ी संख्या में जुटे ग्रामीणों ने फूलों के इस अनूठे उत्सव के साथ ही आराध्य देवता समेश्वर से भी सुख शांति की प्रार्थना की।


इस मौके पर पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल, लोक गायक रजनीकांत सेमवाल, प्रधान रैथल सुशीला राणा, पूर्व प्रधान मनोज राणा, उप प्रधान विजय राणा, सुरेश रतूड़ी, अभिमन्यु रावत, राजवीर रावत, रामचंद्र पंवार, सुमित रतूड़ी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।


शनिवार को आराध्य समेश्वर देवता के पश्वा ने तेज धार के फरसों के ऊपर आसन लगाकर स्थानीय लोगों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया।


(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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