देहरादून: धामी सरकार 2.0 बनने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले कहा और बार-बार ताक़ीद किया कि अफ़सरान समय पर दफ़्तर पहुँचें। मुख्यमंत्री ने बाक़ायदा मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू से ऑर्डर करा दिए, दफ़्तरों में बायोमैट्रिक मशीनें चालू करा दी। लेकिन उत्तराखंड की अफ़सरशाही की ऐंठन ख़ाली बयानबाज़ी या कागजबाजी से कहाँ निकलने वाली है।
अगर ऐसा नहीं होता तो भला सरकार के नाक के नीचे जहाँ सचिवालय में मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक यानी पूरा सरकारी तंत्र क़ाबिज़ है, वहाँ से चंद मीटर दूर आरटीओ दफ़्तर में सुबह 10 बजे के बावजूद 80 फ़ीसदी कर्मचारी नदारद पाए जाते हैं। दरअसल हर दूसरे सरकारी दफ़्तर का हाल वही है जो ख़ुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरटीओ दफ़्तर में आज छापेमारी कर देखा।
अब मुख्यमंत्री ख़ुद जब एक्शन में आ ही गए है तो उनको एक दफ़्तर में छापेमारी कर अनियमितताओं पर आरटीओ दिनेश चन्द्र पठोई को सस्पेंड कर शांत नहीं बैठ जाना चाहिए बल्कि लगातार ताबड़तोड़ दूसरे दफ़्तरों में भी औचक निरीक्षण कर लंबी आरामतलबी के चलती ढिठाई की मोटी चमड़ी पहन चुके हैं उनको भी नापना चाहिए। और क्या तमाम मंत्रियों को मुख्यमंत्री धामी ख़ुद कहेंगे या चिट्ठी भेजेंगे तभी वे अपने दफ़्तरों की हाल-खबर लेंगे या फिर रोज़ाना इन सरकारी दफ़्तरों में जूझती जनता को राहत दिलाने के लिये मंत्री भी चाय-बिस्कुट वाली बैठकों से आगे बढ़कर औचक छापेमारी करेंगे?
आप कल्पना करिए कि जब शासन स्तर से लगातार सरकारी दफ़्तरों में समय पर आकर कामकाज करने के निर्देश मिल रहे हैं, तब भी मुख्यमंत्री धामी अचानक आरटीओ दफ़्तर पहुँचें और 80 फ़ीसदी स्टाफ़ नदारद मिले। ज़ाहिर है सीएम ने मौके पर ही आरटीओ को सस्पेंशन कर अफ़सरों और कर्मचारियों को सख़्त संदेश देने की कोशिश की है। एआरटीओ को भी सस्पेंड करने की खबर है।
दरअसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकारी दफ़्तरों में कामकाज का ढर्रा सुधारने को लगातार अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर दफ़्तर पहुँचने की हिदायत दे रहे हैं। लेकिन बावजूद इसके नहीं सुधरने वाले कर्मचारियों और अफ़सरों को अब नोटिस दिए जा रहे हैं।
सवाल है कि क्या मुख्यमंत्री इस एक्शन लगातार रिपीट भी करते रहेंगे क्योंकि सरकारी स्कूलों में भाड़े के मास्साबों से लेकर दफ़्तरों में लेटलतीफ़ी करने के क़िस्से भरे पड़े हैं। नौकरशाही के पेंच लगातार कसते रहने की दरकार है और उन जिलाधिकारियों व कप्तानों पर भी गाज गिरनी चाहिए जो जिलों में बैठकर सिर्फ़ कुर्सी तोड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रातः राजपुर रोड स्थित आर टी ओ कार्यालय पर छापा मारा। औचक निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया की आर टी ओ कार्यालय में आम जनता अपने वाहनों से संबंधित कार्यों के लिए सुबह 9 बजे से मौजूद थी लेकिन कार्यालय में कुछ कर्मचारियों को छोड़कर आर टी ओ के मुख्य अधिकारी दिनेश चंद्र पिठोई और काफी कर्मचारी सुबह के 10:30 होने के बावजूद मौजूद नहीं थे ।
कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारी की लापरवाही देखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरटीओ दिनेश चन्द्र पठोई को निलंबित करने के निर्देश दिये हैं। परिवहन सचिव अरविंद सिंह हयांकी को निर्देश देते हुए कहा की जितने भी कर्मचारी समय होने के बावजूद उपस्थित नही है उन पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।