Uttarakhand News: उत्तराखंड कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा में प्रश्नपत्रों के चारों सेट A, B, C, D में प्रश्न क्रमांक एक रहने का मुद्दा लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कल बेरोजगार युवाओं ने हल्लाबोल किया तो आज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि एक ओर लोक सेवा आयोग जैसी संवैधानिक संस्था भी उत्तराखंड के आंदोलनरत बेरोजगारों की शंकाओं का निदान नहीं कर रही है, दूसरी ओर सरकार देहरादून की सड़कों पर बेरोजगार युवाओं का खून बहाने के बाद अध्यादेश के माध्यम से लाये नकल विरोधी कानून का राज्य भर में ढोल पीट रही है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि तमाम दावों और तैयारियों के बाद बीते कल यानी 5 मार्च को एक मात्र विश्वसनीय (या अविश्वसनीय भर्ती आयोग ?) राज्य लोक सेवा आयोग उत्तराखंड , हरिद्वार द्वारा कराई गई कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा में तो एक कमाल ही हो गया। उन्होंने कहा कि शायद यह देश की किसी भी भर्ती परीक्षा में पहला प्रकरण होगा। आर्य ने कहा कि पारदर्शी और नकल विहीन परीक्षा के लिए पेपर हमेशा 4 सेट में बनते हैं और प्रश्नों का क्रमांक सदैव अलग अलग होता है, इसीलिए 4 सेट में पेपर बनते भी हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन युवाओं ने 5 मार्च 2023 को राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा दी, परीक्षा देकर बाहर आने पर उनके पैरों तले की जमीन तब खिसक गई,जब उन्हें पता चला कि इस भर्ती परीक्षा में चारों सेट यानी A B C D सेट में प्रश्न क्रमांक बिल्कुल समान थे।
यशपाल आर्य ने कहा कि बीते कल से ही आयोग के जिम्मेदार अधिकारी अपनी सफाई देते फिर रहे हैं लेकिन कोई यह नही बता पा रहा है कि “सब कुछ बदलने “का दावा करने वाले आयोग द्वारा आयोजित हर परीक्षा में ” अक्षम्य गलतियों” का पिटारा क्यों खुल जाता है?
आर्य ने कहा कि आयोग द्वारा आयोजित पिछली परीक्षा में कहा गया था कि गाड़ियों के पहाड़ी मार्ग में जंप करने के कारण सील्ड प्रश्नपत्र का बंच खुल गया था। बाद में जब उत्तरकाशी के एक परीक्षार्थी ने इसकी लिखित शिकायत की तो उल्टा उसी पर नए बहुप्रचारित नकल विरोधी कानून के माध्यम से मुकदमा दर्ज कर शिकंजा कस दिया गया।
सरकार पर हमलावर होते नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि इस समय मेहनतकश बेरोजगार परीक्षार्थियों का सवाल सिर्फ इतना भर है कि अगर हर सेट में प्रश्नों का क्रमांक एक ही होना था तो पेपर के 4 सेट में क्यों बनाए गए ?
यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य की जनता और अभिवावकों को भी युवाओं की मांग में दम नजर आता है, “जब तक आयोग फूल-प्रूफ व्यवस्था नही कर लेता तब तक उसे नई परीक्षा आयोजित नहीं करनी चाहिए।”
कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार को आत्ममंथन करने की नसीहत देते हुए कहा, “आयोग में सबसे योग्य पदाधिकारियों को बिठाने के बाद भी यदि अभी तक व्यवस्था दुरस्त नहीं हो पा रही है तो क्या उसे इस राज्य में सरकार चलाने का हक है?”