युवाओं का दबाव काम आया: बेरोजगारों की सबसे बड़ी जीत, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने मानी गलती, लेखपाल के लिए हटाई हाइट की शर्त, बढ़ाए पद

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आपके The News Adda ने इस मुद्दे पर दो बार लाइव डिबेट रखी और सरकार द्वारा युवाओं के साथ भर्ती के नाम पर किए गए मज़ाक़ को मुद्दा बनाया।

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने बेरोजगार युवाओं की मांग आखिरकार मान ही ली। भारी विरोध के बाद चयन आयोग ने लेखपाल पद के लिए ऊँचाई की पात्रता हटा दी है। इसके साथ ही लेखपाल में दौड़ 60 मिनट में 9 किलोमीटर की बजाए 60 मिनट में 7 किलोमीटर कर दी गई है। आयोग के फैसले से बेरोजगार युवाओं में खुशी का माहौल है। साथ ही आयोग ने पटवारी और लेखपाल के पदों की संख्या में बढ़ोतरी भी कर दी है।
देवभूमि बेरोजगार मंच के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि हमने पहले ही कह दिया था कि ये गलती चयन आयोग से हुई है, जो आयोग ने नए शुद्धि पत्र में साफ लिखा कि नियमावली में ऊंचाई का कोई जिक्र नहीं था। राम कंडवाल ने कहा कि इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से लेकर चयन आयोग को भी ज्ञापन भेजा था और लगातार शासन के अफसरों के संपर्क में थे। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी लेखपाल पद के लिए मांगी गई ऊंचाई और दौड़ का विरोध किया था।


बता दें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 17 जून को 513 पदों पर लेखपाल व पटवारी भर्ती की विज्ञप्ति जारी की थी। इसमें लेखपाल की नियमावली के विपरीत लेखपाल के पदों के लिए 168 सेंटीमीटर ऊंचाई मांगी तो रेस भी 60 मिनट में 9 किलोमीटर मांगी गई थी। राम कंडवाल ने कहा कि चयन आयोग ने अपनी गलती मान ली है जिसका हम स्वागत करते हैं। साथ ही अब जो बंदीरक्षक, पटवारी और पर्यावरण परीक्षक की विज्ञप्ति निकली है उसमें आयुसीमा 1 जुलाई 2021 से मांगी जाए न कि 1 जुलाई 2020 से। बेरोजगार युवाओं ने मांग की है कि पिछला डेढ़ साल कोरोना महामारी में निकल गया ऐसे में एक वर्ष पूर्व से आयु गणना अनुचित है और इसे भी दुरुस्त कर लिया जाना चाहिए।


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