
- पौड़ी अस्पताल में अव्यवस्थाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तलब की रिपोर्ट।
- जिलाधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल में तत्काल सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश।

Uttarakhand Bus Accident News: पौड़ी गढ़वाल जिले में देहलचौरी बस हादसे में घायलों के इलाज में उजागर हुई जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं और हेल्थ विभाग की लापरवाही पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त नाराज़गी जताई है। बस हादसे के बाद पौड़ी जिला अस्पताल में सामने आई अव्यवस्थाओं की शिकायत का संज्ञान लेते हुए सीएम धामी ने पौड़ी डीएम से मामले में रिपोर्ट तलब कर ली है। साथ ही, अस्पताल में सभी बुनियादी सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बस हादसे में मृतक परिजन को कुल 5-5 लाख रुपए और गंभीर घायलों को 1-1 लाख रुपए की सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए हैं। बस हादसे के घायलों को पौड़ी अस्पताल में समुचित इलाज देने में अव्यवस्था संबंधी शिकायत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कैम्प कार्यालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने इस मामले में पौड़ी के डीएम से रिपोर्ट तलब की है, साथ ही कहा है कि लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाई करते हुए, अस्पताल में आपात स्थिति के लिए हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उत्तराखंड में दूरदराज तक स्वास्थ्य सेवाओं का नेटवर्क उपलब्ध है। ऐसे में अस्पतालों में गंभीर बीमार या घायलों के उपचार में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। इसके लिए प्रदेश भर के अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही, आवश्यक दवाई ओर मेडिकल स्टॉफ की उपलब्धता हर वक्त सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने बस हादसे के कारणों की जांच कर परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पाए जाने पर कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने पौड़ी बस हादसे के कारणों की जाँच कर परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही उजागर होने पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं।
ज़ाहिर है पौड़ी बस हादसे के बाद जिला अस्पताल में घायलों के इलाज के दौरान सामने आई बदइंतज़ामी और लापरवाही को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस के नेता हमलावर थे और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सोशल मीडिया में अपना वीडियो बयान जारी कर मुख्यमंत्री से एक्शन की मांग की थी। गोदियाल ने आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के ख़ुद अपने गृह ज़िले में स्वास्थ्य सेवाएँ आईसीयू में नज़र आ रही हैं और उनसे उम्मीद करना भी बेमानी है लिहाज़ा मुख्यमंत्री दखल दें।