हेल्थ

तीरथ सरकार की वर्चुअल ओपीडी से पहले दिन 1295 मरीज लाभान्वित, उम्मीद है रोज जारी होंगे आंकड़े!

Share now

देहरादून

ई संजीवनी वर्चुअल ओपीडी के पहले दिन 1295 मरीज़ों ने लिया घर बैठे चिकित्सा परामर्श

प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के मरीज़ों को मिला निशुल्क चिकित्सा परामर्श

उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई ई-संजीवनी वर्चुअल ओपीडी के पहले दिन राज्य दूरस्थ क्षेत्रों के साथ ही प्रदेशभर से कुल 1295 मरीजों ने इस सेवा का लाभ उठाया. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देशों पर उत्तराखंड सरकार द्वारा टेलीमेडिसिन सेवा के साथ वर्चुअल ओपीडी की गुरुवार से ही शुरुआत शुरुआत की गई है. जो लोग किसी वजह से अस्पताल नहीं जा पा रहे उनके लिए ये सेवा बहुत उपयोगी है. इससे कोविड और नॉन कोविड दोनो प्रकार के मरीज़ों को लाभ होगा.

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन वर्चुअल ओपीडी के पहले दिन सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया गया, जिसमें 104 टोल फ्री नंबर के जरिए 347, ई संजीवनी टेलीमेडिसिन के जरिए 405, व्हाट्सएप वॉयस कॉल के जरिए 192, व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए 27 जबकि व्हाट्सएप चैट के जरिए 324 मरीजों को निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया गया. पूरे प्रदेश से 1295 लोगों ने इस सेवा का पहले दिन लाभ उठाया.

गौरतलब है कि राज्य सरकार की इस विशेष पहल का मकसद दूरस्थ इलाक़ों में रहने वाले लोगों की एक्स्पर्ट डॉक्टर्स के जरिए चिकित्सीय परामर्श देना है. प्रदेश सरकार की इस वर्चुअल ओपीडी का लाभ व्हाट्सएप वीडियो कॉल एवं टोल फ्री हेल्पलाइन के जरिए लिया जा सकता है. राज्य सरकार द्वारा इसके लिए 104 टोल फ्री नंबर जारी किया गया है. इसके साथ ही 9412080622 व्हाट्सएप नंबर के जरिए भी जनता सेवा का लाभ ले सकती हैं. इसके साथ ही www.esanjeevaniopd.in/register
के माध्यम से भी इस सेवा का लाभ लिया जा सकता है.
वर्चुअल ओपीडी रोजाना सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक जारी रहेगी. ई-संजीवनी वर्चुअल ओपीडी के जरिए ह्रदय रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, नेत्र विशेषज्ञ, प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ के अलावा फिजीशियन का चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकेगा.

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!