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हरदा का हल्लाबोल: मैं समझ नहीं पाया देवस्थानम बोर्ड बनने से कौनसा क्रांतिकारी परिवर्तन चारधाम यात्रा में आया, जिद से सरकारें नही चलती, मात्र आय के लिए परम्परा मत बदलिए

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देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देवस्थानम बोर्ड के मसले पर बीजेपी सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को निशाने पर लिया है। बुधवार को उत्तरकाशी में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया है कि सरकार देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करेगी और एक हाईपॉवर कमेटी गठित करेगी।
इस बड़े डेवलेपमेंट के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि एक सरकार दो साल से राज्य के लोगों के यह नहीं समझा पाई है कि देवस्थानम बोर्ड के क्या फ़ायदे होंगे। सिर्फ जिद से सरकारें नही चलती हैं।


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देवस्थानम बोर्ड, कुछ पक्ष में तो एक बड़ी संख्या विरोध में खड़ी है। सरकार पिछले 2 साल में राज्य के लोगों को यह नहीं समझा पाई है कि देवस्थानम बोर्ड बनाने से मंदिरों की व्यवस्था में क्या सुधार आएगा और राज्य को इससे क्या फायदा होगा? केवल आय के लिए आप यदि पुरानी परंपरा को बदल रहे हैं तो वो न्याय संगत नहीं है, उसके पीछे चारधाम यात्रा को सुगम और सुचारू बनाने की सोच होनी चाहिए और उसमें यात्रियों का हित सर्वोपरि माना जाना चाहिए, फिर स्थानीय लोगों का हित सर्वोपरि माना जाना चाहिए। केवल जिद से सरकारें नहीं चलती हैं। एक प्रयोग किया आपने और यदि उस प्रयोग के नतीजे बहुत लाभकारी नहीं दिखाई दे रहे हैं तो फिर अपने ही राज्य की जनता के एक हिस्से के ऊपर अपने विचार व निर्णय को थोपना, राज्य सरकार के लिए उचित नहीं है। पहले से ही मंदिर कमेटियां बनी हुई हैं, आप उनकी फंक्शनिंग को और सुधार लीजिये। आय अर्जन के लिए कुछ और तरीके निकाल करके, उन तरीकों को मंदिर कमेटी और पुरोहितगणों की संस्था के साथ मिलकर के क्रियान्वित करिए। मगर अभी तक मैं यह नहीं समझ पाया हूं कि देवस्थानम बोर्ड बनने से कौन सा क्रांतिकारी परिवर्तन हमारी चारधाम यात्रा में आया है?

हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

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