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फिर दिखी धामी की धमक! RR को सेवा विस्तार, ACS वर्धन का बढ़ा इंतजार

आज सीएस राधा रतूड़ी को छह महीने का सेवा विस्तार मिल गया है। ऐसी महीने की 30 तारीख को उनका छह महीने का पहला सेवा विस्तार समाप्त हो रहा है। 1988 बैच की आईएएस राधा रतूड़ी रिटायरमेंट से दो महीने पहले इसी साल 31 जनवरी को मुख्य सचिव बनीं थीं। दो महीने का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। एसीएस आनंद वर्धन का सीएस बनने का इंतजार फिर बढ़ गया है।

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  • मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कार्यकाल छह माह यानी एक अक्तूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक बढ़ा। 

Uttarakhand News: यूं उत्तराखंड की पहली मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को शनिवार को छह महीने का सेवा विस्तार मिलना ब्यूरोक्रेसी कॉरीडोर की बड़ी अपडेट हैं लेकिन उससे कहीं अधिक यह प्रदेश पावर कॉरिडोर्स में असर पैदा करने वाली सनसनी है। यह भी सही है कि एक जमाने में टॉप नौकरशाह एक्सटेंशन पाने के लिए तरस जाया करते थे लेकिन मोदी रिजीम में ब्लू आईड ऑफिफर्स केस लिए एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन के लेटर नॉर्थ ब्लॉक स्थित डीओपीटी दफ्तर में हमेशा टाइप्ड रखे रहते हैं। फिर चाहे केंद्र में तैनात अफसरान हों या केंद्रीय एजेंसियों के टॉप बॉस निर्बाध एक्सटेंशन दर एक्सटेंशन बरसते रहते हैं। चंद दिनों पहले यूपी चीफ सेक्रेटरी पद से फ्री हुए आईएएस दुर्गाशंकर मिश्रा तो खैर अपने नाम लगातार ढाई साल के बैक टू बैक तीन एक्सटेंशन का देश भर में रिकॉर्ड बनाकर गए हैं।

खैर, लौटते हैं उत्तराखंड जहां मुख्य सचिव पोस्ट के लिए 1992 बैच के एसीएस आनंद वर्धन के सामने ‘इंतजार और सही’ वाली स्थिति निर्मित हो गई है। हालांकि आनंद वर्धन पिछले साल जुलाई में जहां वर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी खड़ी हुई थीं उनसे खुद को बेहतर हाल में मानकर दिल ए नादां को तसल्ली दे सकते हैं। तब मुख्य सचिव पद पर काबिज डॉ एसएस संधु को महीने का एक्सटेंशन मिल गया था। यानी 31 जुलाई 2023 तक रिटायर होने वाले डॉ संधु को 31 जनवरी 2024 तक उत्तराखंड ब्यूरोक्रेसी का बॉस बने रहने का संदेश मिल चुका था और इस डेवलपमेंट के बाद तत्कालीन एसीएस राधा रतूड़ी के पास मुख्य सचिव बनने के लिए 31 मार्च 2024 में होने वाले रिटायरमेंट से पहले दो माह का अवसर बचा था जिस पर संधु को एक एक्सटेंशन और मिलने की हालात में नाउम्मीदी के बादल भी मंडरा सकते थे।

इस लिहाज से वर्तमान एसीएस आनंद वर्धन के सामने सीएस राधा रतूड़ी के दूसरे सेवा विस्तार के बावजूद जून 2027 के रिटायरमेंट से पहले मुख्य सचिव बनने का मजबूत अवसर दिखाई पड़ता है। फिर भी ‘वेटिंग इन चीफ सेक्रेटरी’ बने रहने की एक स्वाभाविक बेचैनी कायम रहना लाजिमी है ही।

धामी की फिर दिखी धमक!

 

सीएस राधा रतूड़ी का सेवा विस्तार इस लिहाज से पॉलिटिकल पावर कॉरिडोर का बेहद अहम डेवलपमेंट है कि इसने एक झटके में फिर स्थापित कर दिया कि राज्य की पहली महिला मुख्य सचिव को दूसरी बार छह महीने का एक्सटेंशन दिलाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली दरबार में खुद आज भी वजनदार होने की मुनादी करा दी है। वरना कोई वजह नहीं थी कि मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को एक और सेवा विस्तार मिलता! यह मुख्यमंत्री की ही पसंद रही जिसे मोदी-शाह ने तवज्जो देकर प्रदेश के उन धामी विरोधियों को स्पष्ट संदेश दे दिया है। संदेश यही है कि भले कानून व्यवस्था फेल्योर से लेकर गढ़वाल बनाम कुमाऊं नैरेटिव सेट करने की भरसक कोशिशें होती रहें और शिकायतों को कतरनें दिल्ली दरबार तक पहुंचाई जाती रहें लेकिन फिलवक्त धामी की धमक में कोई कमी नहीं हो पाई है।

सीएस राधा रतूड़ी सरल और शांत स्वभाव के साथ कामकाज के मोर्चे पर दिखाई देती हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कम से कम सामने दिख रही तो पॉलिटिकल चुनौतियों- एक केदारनाथ उपचुनाव और दूसरी, नगर निकाय चुनावों तक किसी भी तरह के जोखिम में नहीं उलझना चाह रहे। ऐसा नहीं है कि एसीएस आनंद वर्धन के साथ कोई उनके बहुत खिंचाव भरे संबंध हैं लेकिन महिला सशक्तिकरण के मैसेज के साथ चौबीस साल में आधी आबादी से किसी अफसर की ब्यूरोक्रेसी की टॉप पोस्ट पर उपस्थिति को विस्तार मिलना कहीं से कहीं तक मुख्यमंत्री के लिए घाटे का सौदा नहीं है।

बहरहाल, RR को मिला सेवा विस्तार ‘घर के भीतर’ के धामी विरोधियों के लिए कोल्ड वॉर के एक्सटेंशन का भी संदेश लेकर आया है। क्यों क्या ऐसा नही है!

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